400 साल के कछुए की मौत पर रोए शहरवासी, निकाली शवयात्रा

अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में मगरमच्छ की मौत पर पूरे गांव में मातम मनाए जाने की खबरें सुर्खियों में थीं। अब एक कछुए की मौत पर उसकी शवयात्रा निकाले जाने की खबर चर्चा में आ चुकी है। मामला गुजरात के भरूच का है। जहां एक कछुए की मौत के बाद लोग काफी भावुक हो गए। स्थानीय लोगों के अनुसार कछुए की मौत के लिए तालाब की गंदगी जिम्मेदार है। इस मौत के विरोध में पशुप्रेमियों ने भी अपना विरोध जताया है।

भरूच में कछुए की शवयात्रा निकालते स्थानीय लोग
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तालाब में मृत मिला था कछुआ
खबरों के मुताबिक भरूच के प्रसिद्ध रतन तालाब में रविवार को एक कछुए की मौत हो गई थी। इसकी खबर लोगों तक पहुंची तो वह तालाब के पास जुटने लगे। लोगों ने कछुए के शव को पानी के बाहर निकाला और एक हॉल में रख दिया। धीरे-धीरे बड़ी संख्या में लोग कछुए को देखने के लिए जमा होने लगे। लोगों में कछुए की मौत को लेकर दु:ख होने के साथ ही रोष भी था। लोगों ने कछुए की शवयात्रा निकाले जाने का भी फैसला किया। इसके बाद कछुए की शवयात्रा निकालने के लिए अर्थी सजाई गई। फूल-मालाओं के साथ कछुए की शवयात्रा लेकर बवन विभाग के दफ्तर पहुंचकर शव को उन्हें सौंप दिया गया। अब वन विभाग पोस्टमार्टम से स्पष्ट करेगा कि कछुए की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है।
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400 साल बताई जा रही कछुए की उम्र
स्थानीय लोग बताते हैं कि यह कछुए भरूच के सबसे पुराने निवासी हैं। इनकी उम्र 400 साल से भी ज्यादा है। यहां तालाब में ऐसे कई कछुए हैं। रतन तालाब के नजदीक स्थानीय लोगों का कहना है कि गंदगी की वजह से कछुओं की मौत हो रही है। इस बात की खबर कई बार अधिकारियों को दी जा चुकी है, लेकिन वे इस तरफ ध्यान ही नहीं देते हैं। लोगों तालाब की सफाई को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों को से अपील कर चुके हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि कछुओं को कई बार शहर में एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट भी किया गया है, इस वजह से भी कछुओं की मौत हो सकती है। फिलहाल कछुए की मौत के असल कारणों की जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता सामने आ सकेगी।
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