गुजरात में वेंटिलेटर की कमी होगी पूरी, यह कंपनी एक हजार वेंटिलेटर करेगी दान
भारत में कोरोना वायरस के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश में भी वेंटिलेटर की जरूरत बढ़ गई है। केंद्र सरकार वेंटिलेटर बनाने से लेकर मास्क और पीपीई तक का स्टॉक करने पर जोर दे रही है। इस समय युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस से निपटने वाले चिकित्सकीय उपकरणों को बनाया जा रहा है। देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों को अलग-अलग जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने दी है। इसी बीच में गुजरात के लिए एक राहत वाली खबर आ रही है। यहां पर एक कंपनी ने कम लागत वाला वेंटिलेटर तैयार कर लिया है। कंपनी बाजार में उपलब्ध वेंटिलेटरों से 6 गुना सस्ता वेंटिलेटर तैयार किया गया है। राजकोट की कंपनी द्वारा बनाए गए वेंटिलेटर को परीक्षण के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल की मेडिकल लैब में भेजा गया है। जहां पर शुक्रवार को इस वेंटिलेटर को अस्पतालों में लगाने की अनुमति दे दी गई है। लैब से अनुमति मिलने के बाद शनिवार से इन वेंटिलेटर का प्रयोग शुरू हो गया है।
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1000 वेंटिलेटर होंगे दान
राजकोट की ज्योति सीएनसी ऑटोमेशन लिमिटेड द्वारा बनाए गए वेंटिलेटर को गुजरात में संचालित होने वाले अस्पतालों में लगाया जाएगा। राज्य सरकार को कंपनी की तरफ से 1,000 वेंटिलेटर दान में दिए जाएंगे। स्थानीय स्तर पर बनाए गए इन वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया जाना शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मशीन ठीक तरह से काम कर रही है। इस वेंटिलेटर की सफलता के बाद कंपनी के मालिक पराक्रम सिंह जडेजा ने कहा कि बाजार में वेंटिलेटर की कीमत 4 लाख रुपये से शुरू होती है और कई लाख तक जाती है। उन्होंने कहा कि जैसा वेंटिलेटर हमारी कंपनी ने तैयार किया उसकी बाजार कीमत लगभग 6.5 लाख रुपये है, लेकिन हमारी कंपनी ने इसे एक लाख रुपये से भी कम लागत पर बनाकर तैयार किया है। उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी की तरफ से गुजरात सरकार को 1,000 वेंटिलेटर दान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारी क्षमता प्रतिदिन 100 वेंटिलेटर बनाने की है। आने वाले दिनों में मांग के हिसाब से वेंटिलेटरों का निर्माण बढ़ाया जाएगा।
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कंपनी ने महज 10 दिन में किया तैयार
गुजरात में राजकोट की पहचान इंजीनियरिंग हब के रूप में होती है। यहां पर समय-समय पर जरूरी उपकरणों का रिसर्च होता है। इस समय जब कोरोना महामारी की वजह से चल रहे उद्योग धंधे बंद हो गए है, तो ऐसी स्थिति में इंजीनियरों ने वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की खोज करना शुरू कर दिया है। राजकोट में बनाए गए सबसे सस्ते वेंटिलेटर को महज 10 दिनों के अंदर ही बनाया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया कि राजकोट के एक उद्योगपति ने महज 10 दिनों के अंदर ही वेंटिलेटर को तैयार किया है। उन्होंने बताया 10 दिनों के अंदर ही वेंटिलेटर का डिजाइन, प्रोटोटाइप से लेकर परीक्षण तक किया गया। उन्होंने बताया कि शनिवार से इसका उपयोग भी शुरू हो गया है। बता दें राजकोट के लघु उद्योग नासा, इसरो से लेकर रेलवे तक के इंजीनियरिंग भागों की आपूर्ति करते हैं। यही नहीं, रक्षा उत्पादन के लिए भी जरूरी सामानों को उपलब्ध कराते हैं।
हर उद्योगपति करें सरकार की मदद
महज 10 दिनों के अंदर ही नया वेंटिलेटर तैयार होने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मूक दुश्मन कोरोना वायरस से लड़ रही है और वेंटिलेटर, एन 95 मास्क और पीपीई जैसे चिकित्सकीय उपकरणों की कमी का सामना कर रही है। जब हमारे पास कौशल और बड़े उद्योग हैं, तो गुजरात सरकार ने इसका उपयोग करने का फैसला किया है। अब हमारे ही राज्य में वेंटिलेटर से लेकर एन-95 मास्क और पीपीई का उत्पादन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक बीमारी से लड़ने के लिए राज्य के उद्योगपतियों को सरकार की मदद करनी चाहिए। इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए उद्योगों को आगे आना चाहिए और तकनीकी से जीतने में मदद करनी चाहिए। उप मुख्यमंत्री और गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने कहा कि राजकोट की ज्योति सीएनसी ऑटोमेशन लिमिटेड ने न सिर्फ वेंटिलेटर का निर्माण किया है बल्कि टेस्टिंग लैब में चिकित्सा जरूरतों को भी सफलतापूर्वक पूरा करने की कोशिश कर रही है।
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राज्य में बढ़ रहे कोरोना के मरीज
राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। राज्य में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 29 नए मामले सामने आए है। इसके साथ ही राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 175 पहुंच गई है। मंगलवार को दर्ज हुए नए मामलों में से 19 संक्रमित मरीज अहमदाबाद के ही हैं। इस तरह से अहमदाबाद में ही संक्रमित व्यक्तियों की कुल संख्या 83 पहुंच गई है। राज्य के मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) जयंति रवि ने बताया कि मंगलवार को सूरत और पाटन में तीन-तीन मामले जबकि भावनगर, आनंद, साबरकांठा और राजकोट में एक-एक मामले की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस की वजह से ही मंगलवार को सूरत में दो और पाटन में एक मरीज की मौत हो गई है। इसके बाद राज्य में मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 15 हो गई है।
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