गांवों में विकास का खाका खींचने के लिए तैयार किए जाएंगे नए मुखिया

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गांवों में विकास का खाका खींचने के लिए नवनियुक्ति ग्राम प्रधानों को ट्रेनिंग दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार की तीफ से गांव के विकास के लिए सर्वांणीक विकास का खाका खींचने के लिए ग्राम प्रधानों की 29 जून को ट्रेनिंग दी जाएगी। उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग की तरफ से ग्राम प्रधानों के उन्मुखीकरण कार्यक्रम की नींव रखते हुए ‘प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के सत्र की शरुआत हो गई है। इसमें ‘पंचायती राज व्यवस्था एवं विभागीय योजनाओं’ से सम्बन्धित विषय के 40 प्रशिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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पंचायती राज विभाग की निदेशक किंजल सिंह ने प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा कि "जन-सहभागिता के साथ ग्राम पंचायतों के सर्वांगीण विकास में ग्राम प्रधान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रदेश की 58,189 ग्राम पंचायतों में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान अपने कार्य एवं दायित्वों की नियामक जानकारी, वित्त प्रबंधन, विभागीय महत्वपूर्ण योजनाओं आदि की जानकारी प्रदान करने से निश्चित रूप से उनकी कार्यकुशलता एवं क्षमता में वृद्धि होगी। कोरोना संक्रमण काल में पंचायतों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण है एवं नव निर्वाचित प्रतिनिधियों इन चुनौतियों से कुशलतापूर्वक लड़े एवं कार्य क्षेत्र में पूरी तैयारी से उतरे, यह अति आवयश्यक है। आपके माध्यम से न सिर्फ पंचायती राज व्यवस्था की सबसे छोटी इकाई प्रशिक्षित होगी बल्कि प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्द्धन का आधार भी और मजबूत होगा। आप प्रशिक्षक है, आपका काम जो न रूचि ले, उसको भी पढ़ाकर आयें। आप द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर पंचायत प्रतिनिधि स्वयं को और भी अधिक सशक्त महसूस करेंगे ऐसा मेरा विश्वास है।"
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प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पर विभिन्न जनपदों से आए रिसोर्स पर्सन एवं एनआईआरडी के सत्यापित मास्टर ट्रेनरों को पंचायत राज विभाग के अपन निदेशक राज कुमार ने बताया कि "प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम एक दिवसीय है, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से 29 जून की अवधि में 6 बैचों में आयोजित किया जाना है। प्रत्येक दिवस में प्रधानों को उनकी भूमिका एवं उत्तरदायित्व तथा विभागीय योजनाओ, ग्राम पंचायत विकास योजना, एसडीजी ई-गवर्नेंस, स्वच्छ भारत मिशन(ग्रा0)/ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे कि विषय-विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा प्रधानों को विषयवार प्रशिक्षित किया जा सके।" उन्होंने बताया कि प्रधानों के प्रशिक्षण का कार्य जुलाई माह के द्वितीय सप्ताह में इन्हीं प्रशिक्षकों द्वारा विषयों पर तैयार विडियों, आडियों एवं संदर्भ साहित्य की सहायता से मंडल स्तर पर किया जाएगा। प्रधानों का प्रशिक्षण, मंडलीय उपनिदेशक(पं.) के नेतृत्व अपने-अपने मंडल में ऑनलाइन किया जाएगा। उप निदेशक और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की नोडल अधिकारी प्रवीणा चौधरी ने बताया गया कि प्रधानों का प्रशिक्षण आर.जी.एस.ए. योजना से ही किया जा रहा है जोकि पंचायतों के प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्द्धन हेतु समर्पित योजना है।
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