गूगल की इस एप का इस्तेमाल कर आसानी से पढ़ और बोल सकेंगे बच्चे

गूगल ने बच्चों में बोलने और पढ़ने की क्षमता का विकास करने के लिए एक नई एप्लीकेशन 'बोलो' को लॉन्च किया है। यह एप्लीकेशन गूगल के प्ले स्टोर पर मौजूद है। इसको डाउनलोड कर बच्चे हिन्दी और अंग्रेजी को आसानी से पढ़ सकेंगे। इससे बच्चों का उच्चारण दोष भी दूर हो सकता है। इसमें गूगल ने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया है, जो वॉयस रिकॉग्निशन व टेक्स्ट टू स्पीच जैसी सहूलियत देता है। गूगल ने यह एप्लीकेशन सबसे पहले भारत में लॉन्च की है। यह एप्लीकेशन ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भी आसानी से काम करती है।
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इस तरह काम करता है एप्लीकेशन
'बोलो' नाम का यह एप्लीकेशन प्राइमरी स्कूल के बच्चों को हिन्दी और अंग्रेजी पढ़ने और बोलने में सहायता करेगा। इस एप्लीकेशन में गूगल ने आवाज को पहचानने व आवाज को सुनकर टाइप करने वाली टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया है, जिसके जरिए बच्चे कहानियों को जोर-जोर से पढ़ सकते हैं।
इसमें एक एनीमेटेड कैरेक्टर 'दीया' का फीचर दिया है। जो एक तरह से पर्सनल असिस्टेंट का विकल्प देता है। यह एप्लीकेशन बच्चों को जोर-जोर से कहानियां पढ़ने के लिए प्रेरित करता है। साथ ही अगर बच्चे अच्छे से पढ़ते हैं तो उनका उत्साह भी बढ़ाता है। कंपनी ने इस एप्लीकेशन के ट्रायल के लिए सबसे पहले भारत के उत्तर प्रदेश को चुना था। इसमें गूगल ने पाया कि 03 महीने में इस एप्लीकेशन से बच्चों के पढ़ने की क्षमता में 64 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
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ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की होगी मदद
इस एप्लीकेशन के बारे में गूगल के भारत में प्रोडक्ट मैनेजर नितिन कश्यप ने बताया कि बच्चों में पढ़ने की शक्ति का विकास होना चाहिए। ऐसा न होने पर उनकी आगे की शिक्षा काफी हद तक प्रभावित हो जाती है। इसी के चलते हमने यह एप्लीकेशन विकसित की है।
उन्होंने कहा कि समाज के बच्चों को कई बार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की कमी, संसाधनों की कमी वाले इंफ्रास्ट्रक्चर और क्लास से बाहर सीखने में आने वाली परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। इससे उनका मानसिक विकास भी प्रभावित होता है। उन्होंने एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन की पिछले साल की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति बेहद खराब है। इन क्षेत्रों में 5वीं के सिर्फ आधे छात्र ही दूसरी क्लास की किताबों को पढ़ पाते हैं।
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