गाजियाबाद में नाबालिग व महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए अनोखी पहल

नाबालिग एवं महिलाओं से संबंधित अपराध के मामलों को निस्तारित करने के लिए गाजियाबाद पुलिस द्वारा शुरू किया गया प्रयास रंग ला रहा है। गाजियाबाद पुलिस के इस प्रयास की दिन-प्रतिदिन लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को परी दिवस आयोजित होने के कारण दिन महिलाओं व नाबालिग बच्चों को न्याय जल्द मिल रहा है।
इसी लोकप्रियता बढ़ने के कारण अब सामाजिक संगठन भी साथ आ रहे हैं। गाजियाबाद को पेटिंग्स के माध्यम से खूबसूरत बनाने के लिए काम करने वाली संस्था दिशा फाउंडेशन ने एसएसपी कार्यालय को नया रूप दिया है। कार्यालय परिसर में पेटिंग्स के साथ ही साथ स्लोगन भी लिखे गए है। बता दें गाजियाबाद शहर को पेटिंग्स के माध्यम से नया रूप देने के लिए दिशा फाउंडेशन पिछले कई वर्षों से काम कर रहा है। फाउंडेशन की अध्यक्षा डा. उदिता त्यागी के अनुसार एसएसपी द्वारा शुरू किए गए प्रयास को और सफल बनाने के लिए ऐसा किया गया है।
क्या होता है परी दिवस में
गाजियाबाद जिले में महिलाओं के साथ हुए अपराधों को निस्तारित करने के उद्देश्य से एसएसपी वैभव कृष्ण ने परी दिवस का आयोजन शुरू किया है। परी दिवस हर माह में दो दिन सभी थानों पर आयोजित किया जा रहा है। एसएसपी वैभव कृष्ण ने महीने के दूसरे व चौथे शनिवार को इसके मनाए जाने के निर्देश पुलिस महकमे को दिए हैं। इसके तहत एसपी शहर-ग्रामीण अपने क्षेत्र के तीन-तीन थानों व क्षेत्राधिकारी अपने सर्किल में एक-एक थाने शामिल होना अनिवार्य है।
इन धाराओं के सुने जाते हैं मामले
एसएसपी वैभव कृष्ण की ओर से शुरू किए गए इस विशेष दिवस की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। महिलाओं-नाबालिग के साथ होने वाले अपराध के तहत लगने वाली आईपीसी की धारा-354, 376, 509, 363, 366 एक्ट आदि के मामलों की सुनवाई अधिक हो रही है। पुलिस की इस मुहिम को जिले में होने वाले अपराधों में कमी के साथ पीड़ितों को समय से न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
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