अब ऐप की मदद से दिल्ली व गाजियाबाद में उठेगा कूड़ा

मोबाइल क्रांति आने के बाद अब ऐप का जमाना आ गया है। ऐप के माध्यम से हर काम संभव हो रहा है। ऐप के बढ़ते महत्व को देखते हुए कूड़ा कलेक्शन में भी सरकार ऐप की मदद लेने जा रही है। दिल्ली व गाजियाबाद की गलियों से अब कूड़ा ऐप के माध्यम से ही उठेगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इससे अभी दिल्ली के प्रीत विहार और गाजियाबाद के राजनगर वार्ड में शुरू किया जा रहा है। नए वित्तीय वर्ष पर यहां से अब कूड़ा क्लेशन के माध्यम से ही उठेगा। अगर ये प्रोजेक्ट यहां पर सफल रहा तो फिर देश के अन्य शहरों में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ऐप के आधार पर कूड़ा कलेक्शन कराएगा।
कुछ ऐसे काम करेगा यह ऐप
कूड़ा कलेक्शन के लिए बनाया गया ऐप पूरी तरह से जीपीएस आधारित होगा। घर पर पहुंचने से पहले खुद-ब-खुद गृह स्वामी को मैसेज भेज सूचित करेगा कि कूड़ा उठाने वाली गाड़ी कितनी देर में उनके दरवाजे पर पहुंच जाएगी। प्रत्येक घर का एक यूनिक कोड होगा, जो क्यूआर कोड के रूप में दरवाजे के बाहर चस्पा किया जाएगा। कूड़ा उठाने के बाद कर्मचारी उस क्यूआर कोड को स्कैन करेगा। जैसे ही कोड स्कैन होगा संबंधित नगर निगम और शहरी विकास मंत्रालय तक जानकारी पहुंच जाएगी कि कूड़ा उठ गया है। यानि यह शिकायत नहीं रहेगी कि मेरा कूड़ा नहीं उठा है। इससे सफाईकर्मी कामचोरी भी नहीं कर पाएंगे क्योंकि क्यूआर कोड नंबर में स्कैन करना अनिवार्य होगा।
ऐप को अंतिम रूप देने में जुटा मंत्रालय
ऐप बनने के बाद कोई शिकायत न रहे इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही शहरी विकास मंत्रालय ऐप को तैयार करा रहा है। यह ऐप कूड़ा गाड़ी के चालक और उस पर तैनात सफाईकर्मी के मोबाइल पर डाउनलोड किया जाएगा। ऐप जियो टैगिग इनेबल्ड भी होगी, जिससे लोकेशन को लेकर झूठ नहीं बोला जा सकता है। ऐप को चलाने के लिए डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में लगे कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बता दें कि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन नगर निगम पहले से कर रहे हैं, लेकिन लोगों की शिकायतें बहुत हैं। आए दिन लोग निगम में अधिकारियों से यही कहते दिखाई देते हैं कि गाड़ी उनके घर कूड़ा लेने नहीं आ रही है। एप आधारित कूड़ा कलेक्शन शुरू होने से यह शिकायतें बंद हो जाएंगीं। नगर निगम और शहरी विकास मंत्रालय भी सुनिश्चित कर सकता है कि क्षेत्र से कूड़ा उठ रहा है या नहीं।
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