नोटबंदी से परेशान हुए टूरिस्ट तो भारतीयों ने पेश की 'अतिथि देवो भव:' की मिसाल

अगर आप मानते हैं भारत में नोटबंदी का असर केवल भारतीयों पर पड़ा है तो आप गलत हैं! इसका असर भारत में घूम रहे विदेशी मेहमानों पर भी पड़ा है। इन टूरिस्टों ने मनी एक्सचेंज द्वारा भारतीय मुद्रा ले रखी है। अब इनको भी बैंकों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। हालांकि भारत की संस्कृति और यहां पर मेहमानों और खासकर विदेशी मेहमानों का जिस तरह स्वागत किया जाता है तो ऐसी कोई बड़ी मुसीबत नहीं खड़ी हुई। ये अलग बात है ऐसी खबरें आ रही हैं जहां विदेशियों को भारतीय लोगों का अभूतपूर्व प्यार मिल रहा है।
ऐसी ही एक घटना सामने आई है। पोलैंड की युवती एंजिल किस कोसमाला, यूक्रेन की युवती ड्योनिवो ओलगो, रूस निवासी पर्वतारोही टार्जनोव एलकेसी, हैती निवासी फिल्म मेकर मैक्स स्टीफन ऑलीवर फैबलस, लिथीनिया निवासी रोक्स जीसीवीसियश, फ्रांस निवासी लियोनिल मार्टिनेज और उनके साथ मुंबई से आए डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकर राहुल हिमांती पांडे 16 नवंबर को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ पहुंचे।
इनके पास भारतीय करेंसी का अभाव था। विदेशी करेंसी बदलने के लिए ये लोग बैंकों के चक्कर काटते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बीते गुरुवार को कूर्मांचल बैंक की शाखा में इनकी मुलाकात थियेटर फॉर एजूकेशन इन मास सोसायटी के सचिव योगेश पाठक से हुई।
एक परिवार ने मदद की और खाना खिलाया
नोटबंदी के कारण परेशान 6 विदेशी नागरिकों और उनके एक साथी का घर पर आदर सत्कार कर पिथौरागढ़ के एक परिवार ने अतिथि देवो भव: की उक्ति को साकार किया है। योगेश ने अपनी मां कविता पाठक, पिता केदार दत्त पाठक से विदेशी मेहमानों को घर पर भोज देने के लिए बात की। माता-पिता ने इसे अपना सौभाग्य मानते हुए शुक्रवार को घर पर भोजन के लिए विदेशी मेहमानों को घर पर आमंत्रित किया।

बैंक शाखा प्रबंधक ने भी मदद की
विदेशी नागरिकों की दिक्कत को देखकर कूर्मांचल बैंक शाखा प्रबंधक पंकज तिवारी ने भी इन लोगों को अपनी तरफ से 1000 रुपए दिए। शुक्रवार को दोपहर के भोजन के लिए विदेशी मेहमान पाठक परिवार के घर पहुंचे तो योगेश के माता-पिता के साथ ही बड़े भाई दिनेश पाठक, भाभी आशा पाठक, दीदी रेनू पाठक, छोटे आशीष पाठक, मुकुल पाठक ने मेहमानों की आवभगत की।
सत्कार देख विदेशी भी हुए अभिभूत
मेहमानों को घी के साथ मडुवे की रोटी, धनियां का नमक, झोली-भात और भटिया (भट का बना विशेष व्यंजन) परोसा गया। यही नहीं उन्हें दक्षिणा देकर घर से विदा किया गया। स्वागत सत्कार से अभिभूत विदेशी मेहमानों ने दिल से पाठक परिवार का शुक्रिया अदा किया। इन विदेशी मेहमानों के पास इस समय मात्र 4000 रुपये की नई करेंसी, जबकि 120 यूरो और 65 डालर हैं। एक दिसंबर को यह लोग नेपाल जाएंगे। फिलहाल ये लोग यहां रामकृष्ण मिशन के आश्रम में रह रहे हैं।
विदेशी नागरिकों का यह दल मुंबई के डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर राहुल हिमांती पांडे के साथ मानवता पर लघु फिल्म का निर्माण करने के लिए यहां आया है। इन्होंने कुमाऊं के तमाम इलाकों में फिल्मांकन कर लिया है। नेपाल में फिल्मांकन होना है। ये लोग लघु फिल्म के जरिए विश्व को मानवता का संदेश देना चाहते हैं। पाठक परिवार ने जो किया है, उससे बड़ा मानवता का उदाहरण इनके लिए और क्या हो सकता है।
पीएम मोदी के फैसले की सराहना की
विदेशी मेहमानों ने ब्लैक मनी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदम की सराहना की। इन लोगों का कहना था कि भविष्य में इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। भारत तरक्की के रास्ते पर जाएगा।
(अमर उजाला से साभार)
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