यूपी में रबी फसल की बुआई के दौरान किसानों को नहीं होगी कोई दिक्कत

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत रबी फसल बुआई की दौरान नहीं होने पाएगी। सरकार की तरफ से रबि फसल के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में अधिकारियों के साथ में लगातार बैठक आयोजित की जा रही है। सोमवार को प्रदेश के 09 मण्डलों क्रमशः अलीगढ़, कानपुर, आगरा, लखनऊ, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, वाराणसी एवं आजमगढ़ के 38 जिलों की समीक्षा कृषि निदेशालय, लखनऊ में आयोजित की गई।
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बैठक में कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से संबंधित समस्याओं के बारे में विस्तार से समीक्षा करते हुए समस्त प्रतिभाग करने वाले संयुक्त कृषि निदेशकों को निर्देशित किया कि इस महत्वपूर्ण योजना में लगभग 15000 लाभार्थी अभी भी इस योजना का लाभ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं, उन्हे लाभान्वित करने में शीर्ष प्राथमिकता दें। रबी अभियान के साथ समस्त निवेशों यथा- बीज, खाद, कृषि यंत्र, जिप्सम आदि की आपूर्ति समय से सुनिश्चित करा दी जाए एवं गत वर्ष की उत्पादकता 619.49 लाख मैट्रिक टन के सापेक्ष 650 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित कराकर प्राप्ति हेतु प्रयास किया जाए।
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रबी में प्रदेश में इस वर्ष 129.99 लाख हे0 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, समस्त उप कृषि निदेशक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सतत प्रयास करे। रबी अभियान के तहत प्रमाणित बीजों का वितरण 49.6 लाख कुन्तल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिससे बीज प्रतिस्थापन की दर 44 प्रतिशत निर्धारित की गई। कृषि मंत्री द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि रबी की किसान पाठशालाएं माह नवम्बर में आयोजित करते हुए प्रदेश में समस्त मेलों, कृषि गोष्ठी इत्यादि का अभियान चलाकर 15 दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जाए।
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वर्तमान पखवाड़े में वर्षा की अधिक मात्रा होने के कारण खरीफ फसल में नुकसान संभव है इसका भी आंकलन कराया जाए जिससे नुकसान की अधिक से अधिक भरपाई योजनाओं (पी0एफ0बी0यो0) से सुनिश्चित कराई जा सके। दलहन एवं तिलहन के मिनिकिट भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से वितरित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। कृषकों को एक ही स्थान पर बीज, कृषि रक्षा रसायन एवं प्रशिक्षण हेतु 281 कृषि कल्याण केन्द्र प्राथमिकता के आधार पर निर्मित कराए गए हैं तथा चालू वर्ष में 100 अतिरिक्त कृषि कल्याण केन्द्र प्रस्तावित किए गए हैं। समस्त उप कृषि निदेशकों को निर्देशित किया गया कि इनके निर्माण हेतु राजकीय भूमि का चयन करते हुए अतिशीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।
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