यूपी के किसान सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी बेच सकेंगे धान
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों को राहत देते हुए बड़ा निर्णय लिया गया है। अब किसान धान सिर्फ एक ही जिले में नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी धान की बिक्री कर सकेंगे। सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश के हिसाब अब किसान नजदीक के जिले में भी धान का क्रय कर सकते हैं।
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सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश के हिसाब से खरीफ विपणन वर्ष 2021-2022 में लखनऊ सम्भाग के जनपद सीतापुर में धान क्रय अवधि 12 अक्टूबर, 2021 से 11 फरवरी, 2022 तक रहेगी। लखनऊ सम्भाग के जनपद हरदोई, लखीमपुर तथा सम्भाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी में धान क्रय की अवधि 01 अक्टूबर, 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक तथा लखनऊ सम्भाग के जनपद लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में 01 नवम्बर, 2021 से 28 फरवरी, 2022 तक होगी।
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इस संबंध में खाद्य एवं रसद विभाग की तरफ से धान क्रय नीति में संशोधन का आदेश जारी कर दिया गया है। जिसके अनुसार किसान अपनी सुविधा के अनुसार अपने जनपद या सटे हुए जनपद या सटे हुए जनपद के किसी केंद्र पर अपना धान टोकन प्राप्त कर बेच सकेगा, परंतु यदि कोई किसान किसी केंद्र पर एक बार अपना धान बेच लेता है, तो उसे अगली बार भी उत्पादित धान की शेष मात्रा उसी केंद्र पर बेचनी होगी।
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कृषकों को उपज की मात्रा का आंकलन कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में प्रति हैक्टेयर अनुमानित औसत उत्पादकता के 120 प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा। इससे अधिक की मांग/आवश्यकता पाए जाने पर जिलाधिकारी द्वारा प्रस्ताव खाद्य आयुक्त को भेजा जाएगा। इसके अलावा क्रय केंद्रों पर सप्ताह के सभी दिन 50 कुंतल से अधिक धान खरीदा जायेगा। इससे पहले सप्ताह में 4 दिन सोमवार से बृहस्पतिवार तक एक किसान से अधिकतम 50 कुंतल धान तथा शुक्रवार व शनिवार के दिन 50 कुन्तल से अधिक धान की मात्रा क्रय किए जाने की व्यवस्था की गयी थी, जिसे अब संशोधित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति में संशोधन के संबंध में 21 अक्टूबर, 2021 को आवश्यक आदेश जारी कर दिया गया है।
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