पैसे के अभाव में बच्चों की नहीं छूटेगी पढ़ाई, सीएम योगी उठाएंगे खर्च

योगी सरकार राज्य के आर्थिक रूप से कमज़ोर विद्यार्थियों को एक सौगात देने जा रही है। यूपी में किसी भी विद्यार्थी को पैसों के अभाव की वजह से उच्च स्तरीय पढ़ाई नहीं रोकनी पड़ेगी। यदि कोई विद्यार्थी इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए इच्छुक है तो वह अपनी आर्थिक स्थिति की चिंता किए बगैर अपनी डिग्री पूरी कर सकेगा। इसमें योगी सरकार उनके साथ खड़ी होगी। स्नातक स्तर की सामान्य पढ़ाई से लेकर राजकीय कॉलेजों से इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई का खर्च उठाएगी।
श्रम विभाग की ओर से हाल में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के समक्ष दिए गए प्रजेंटेशन में 100 दिन से लेकर पांच साल के बीच किए जाने वाले कार्यों का रोड मैप पेश किया था। इसमें निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को स्नातक स्तर तक की शिक्षा मुफ्त दिए जाने की बात कही गई है। जानकारी के मुताबिक इस प्रस्ताव पर छह महीने में अमल किया जाना है। ऐसा होने पर इसका लाभ करीब डेढ़ करोड़ पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को मिल सकेगा।
गौरतलब है कि निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए अभी भी सरकार मदद कर रही है। उन्हें साइकिल, छात्रवृत्ति के साथ फीस भी उपलब्ध कराई जाती है। उसके लिए कई स्लैब बनाए गए हैं। साधारण ग्रेजुएशन करने की दशा में 12 हजार तक और मेडिकल व इंजीनियरिंग में जरूरत के हिसाब से एक लाख तक दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो अब अलग-अलग स्लैबों को बढ़ाने की तैयारी है। यदि किसी कोर्स में एक लाख से अधिक फीस हुई तो उसकी वास्तविक प्रतिपूर्ति भी की जाएगी।
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