साइकिल से गांव पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुन रहे ये कलेक्टर

अपने कार्यों को लेकर छत्तीसगढ़ में चर्चा में रहने वाले कलेक्टर डॉ. सी आर प्रसन्ना इस समय पूरा ताम-झाम छोड़कर साइकिल से गांवों का निरीक्षण कर रहे हैं। वह धमतरी जिले के बनरौद से सिहावा तक साइकिल का पैडल मारते गांव-गांव घूमते हुए पहुंचे। सिहावा पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। कलेक्टर प्रसन्ना ने साइकिल से 52 किलोमीटर की दूरी तय की। लगातार पर्यावरण के प्रति जागरूकता अभियान चला रहे डॉ सीआर प्रसन्ना कम दूरी की साइकिल अब तक चलाते आ रहे थे। उन्होंने जंगल क्षेत्र के कई गांव में साइकिल चलाकर पहुंचकर लोगों की समस्याएं भी सुनी हैं।
कलेक्टर बनरौद रेस्टहाउस से सुबह 6 बजे कलेक्टर डॉ. सीआर प्रसन्ना, डीएफओ अमिताभ वाजपेयी, डिप्टी कलेक्टर राजीव पांडेय, महिला बाल विकास की कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश, कौशल विकास के सहायक संचालक शैलेन्द्र गुप्ता रवाना हुए। बनरौद से सिहावा की दूरी 52 किमी है। साइकिल से ही सिहावा पहुंचने में उन्हें 3 घंटे का समय लगा। वह नगरी ब्लाक के ग्राम पंचायत सिहावा पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने रेडियो और टीवी में प्रसारित मुख्यमंत्री के 'रमन के गोठ' का प्रसारण भी सुना। उनके साथ धमतरी के एक 11 वर्षीय तुषार पांडे बालक ने भी पूरा साथ दिया। सिर्फ यही नहीं उन्होंने रास्ते में पड़ने वाले कई गांवों में ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याएँ भी सुनी। कलेक्टर ने बताया कि साइकिल से सफ़र तो यूँ वो आये दिनों करते हैं। साइकिल चलाते जरूर हैं, मगर इतनी लंबी दूरी पहली बार तय किया है। उनके इस सफर में उनके साथ धमतरी के प्रशासिनक अधिकारी भी साइकिल से गांव पहुंचे। उनका साथ धमतरी के 11 वर्षीय तुषार पांडे ने भी दिया। उसने 52 किलोमीटर की साहसिक दूरी तय कर लिया।
हर रविवार को गांवों में साइकिल से कर रहे निरीक्षण

प्रशासनिक कार्यों में बाधा भी न पहुंचे और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक भी किया जा सके। इसके लिए कलेक्टर डॉ सी आर प्रसन्ना जिले में लंबे समय से पर्यावरण जागरूकता के लिए वे लगातार अभियान चला रहे हैं। यह सफ़र कलेक्टर ने लोक सुराज के ठीक एक दिन यानि विगत कल रविवार को तय किया है। कलेक्टर ने बताया कि आज से लोक सुराज अभियान का तीसरा चरण शुरू भी हो रहा है।
सरकारी काम व फिटनेस दोनों हो जाता है- प्रसन्ना
जमीनी कार्यों से जुडे रहने की वजह से हमेशा ही चर्चा में रहने वाले कलेक्टर डॉ. सीआर प्रसन्ना को ऐसे कार्यों से प्रसन्नता होती है। उन्होंने बताया कि बनरौद से सिहावा साईकिल से जाने की प्लानिंग पहले कर लिए थे, क्योंकि रोज सुबह रुटीन में 8 से 10 किमी साईकिल चलाते है। यह कोई पहल नहीं है, लेकिन इससे शरीर का फिटनेस और सरकारी काम दोनों हो जाता है। साईकिल ट्रेकिंग के दौरान गांव के जनप्रतिनिधियों से भी मिलते हैं। उनकी समस्याएं सुन समाधान भी करते हैं।
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