देवास पुलिस ने दिखाया मानवीय चेहरा, बिना मां की बेटी का एसपी ने किया कन्यादान
मध्य प्रदेश के देवास (Dewas) जिले में सोमवार को पुलिस (Dewas Police) ने मानवता की मिसाल पेश की। हमेशा ही आक्रामक रूप में नजर आने वाली पुलिस (Police) ने सोमवार को सामाजिक दायित्वों का निर्वाहन किया और एक ऐसी बेटी के हाथ पीले कराए, जिसकी मां नहीं थी। बिन मां के बेटी के कन्यादान की जिम्मेदारी देवास (Dewas SP) की एसपी सहित अन्य अधिकारियों ने निभाई। उन्होंने बेटी की शादी में हर तरह का सहयोग किया। देवास (Dewas) के राजीव गांधी नगर में लॉकडाउन (Lockdown) के नियमों का पालन करते हुए पुलिस ने शादी कराई। यही नहीं, यहां पर संगीत में ढोल और शहनाई नहीं बजी बल्कि यहां पर पुलिस जीप के सायरन बजे। देवास की पुलिस (Dewas Police) पाठशाला के जरिए हुई बिना मां की बेटी की शादी में पुलिस अधिकारी- कर्मचारी दुल्हन के मामा बनकर शादी (Wedding) में शामिल हुए और कन्यादान भी पुलिस (Dewas Police) अफसरों ने किया।
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लॉकडाउन की वजह से बिगड़ गई स्थिति
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से चल रहे लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से रसूलपुर निवासी दुल्हन कविता (Kavita) के पिता फूलचंद की नौकरी चली गई। वह देवास (Dewas) में ही एक कंपनी में ठेकेदारी पर काम करते थे। वहीं, कविता की शादी त्रिलोक नगर निवासी फूलचंद के साथ में तय थे। जितेंद्र देवास (Dewas) में ही फर्नीचर का काम करता है। कविता (Kavita) की मां का पहले ही देहांत हो चुका है। ऐसे में बेटी के हाथ पीले करने की पूरी जिम्मेदारी कविता के पिता के ऊपर ही थी। बेटी (Kavita) की शादी के लिए पैसे न होने की स्थिति में पिता बहुत ही परेशान थे। एक तरफ बेटी का ब्याह और दूसरी ओर नौकरी नहीं। बेटी के हाथ पीले करने के लिए पिता फूलचंद (Fulechand) कर्ज लेने के लिए यहां-वहां भटकने लगे। इसी दौरान वे और कविता की बुआ देवास (Dewas) शहर स्थिति पुलिस की पाठशाला में पहुंच गए। यहां पर परिवार की पूरी बात सुनने के बाद पुलिस ने बच्ची के मामा बनकर उसका कन्यादान करने का निर्णय लिया। वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी होने पर उन्होंने भी पूरा सहयोग करने का वादा किया और इस तरह से कविता (Kavita) के शादी में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आई। बता दें लोगों की मदद के लिए देवास पुलिस (Dewas Police) ने पुलिस की पाठशाला शुरू कर रखा है। इस पाठशाला में गरीब बच्चों की पढ़ाई के अलावा इनके परिवारों की मदद की जाती है।
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बुआ की वजह से बनी बात
कविता (Kavita) की मां निधन 2008 में ही हो गया था। मां के निधन के बाद से ही कविता (Kavita) अपनी तीन बुआ के पास रह रही थी। कविता (Kavita) की शादी पिता ने तय कर दी, लेकिन वह उसकी शादी के लिए रुपये नहीं जुटा पाए। ऐसी स्थिति में तीनों ही बुओं ने भाई की हिम्मत बांधी और भतीजी की शादी सभी ने मिलकर करवाएं जाने का निर्णय लिया। कविता (Kavita) की बड़ी बुआ शांता मुखर्जीनगर में पुलिसकर्मी (Police) जितेंद्र दुबे के पास पहुंची, उनसे शादी के लिए आर्थिक मदद करने को कहा। पुलिसकर्मी को जब पता चला तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया और उनसे मदद की अपील की। पुलिस विभाग (Dewas Police) ने स्वयं कविता (Kavita) की शादी का जिम्मा लिया और उसे पूरा भी किया।
सभी से ली गई थोड़ी-थोड़ी मदद
कविता (Kavita) की बड़ी बुआ और पिता की तरफ से पुलिस (Dewas Police) से सहयोग मांगने की दशा में शादी की तैयारी शुरू कर दी गई। जितेंद्र दुबे ने पुलिसकर्मियों से संपर्क किया गया और सभी ने बेटी के हाथ पीले करने में दिल से कन्यादान करने के लिए कहा। कन्यादान की सबसे खास बात यह रही कि इसमें पुलिस अधिकारियों (Dewas Police) और कर्मचारियों से अधिक योगदान न लेते हुए सभी से थोड़ा-थोड़ा योगदान लेकर इस नेककाम को पूरा करने की रूप रेखा बनाई गई। इस दौरान दुल्हन के मन में एक बात थी कि शादी में ढोल धमाके और शहनाई तो नहीं बजेगी। इस पर पुलिस (Dewas Police) ने दुल्हन से कहा कि तुम्हारी शादी में ऐसा संगीत बजेगा की तुम्हारे मन में वह हमेशा के लिए यादगार बन जाएगा। पुलिस (Dewas Police) ने शादी के मौके पर सायरन के रूप में संगीत पेश किया। यही नहीं, मदद के तौर पर पुलिस ने बर्तन की दुकानें खुलवाई। बर्तनों के साथ पूजन की सामग्री भी मंगवाई। इसके अलावा विवाह में मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी घरेलू सामग्री भेंट की। नवदंपती को गृहस्थी का जरूरी सामान भी भेंट किया। यही नहीं, पुलिस (Dewas Police) की निगरानी में हुई शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन को घर से विवाह स्थल पर लाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था भी पुलिस विभाग ने की।
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एसपी (SP) ने किया कन्यादान
पुलिस (Dewas Police) ने कविता (Kavita) की शादी को कराने की जिम्मेदारी खुद उठाई और विवाह की व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी पुलिस (Dewas Police) ने संभाली। पुलिस ने बेटी का कन्यादान भी किया और जिले की एसपी कृष्णावेणी देसावतु ने भी कन्यादान किया। वर और वधू का विवाह कराने के लिए पंडित जी ने मुंह पर अंगोछा लपेटकर मंत्र पढ़ें और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए जोड़े को परिणय सूत्र के बंधन में बंधवाया गया। उसकी बुआ के पुलिस से मदद मांगने पूरी तरह से सहयोग किया गया और शादी (Wedding) की सारी व्यवस्था भी कर दी गई। इस मौके पर एसपी देसावतु ने कहा कि कोरोना संकट (Coronavirus) में अलग तरह से विवाह पुलिस (Dewas Police) की ओर से कराया गया। इस लॉकडाउन (Lockdown) में भी सभी के आशीर्वाद से विवाह संपन्न हो गया। मैंने दुल्हन कविता (Kavita) से कहा कि वह आगे पढ़ाई करे और नौकरी भी करें।
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