क्या कोरोना पॉज़िटिव व्यक्ति दोबारा संक्रमित होता है?
Posted By: Team IndiaWave
Last updated on : July 25, 2020
कोरोना (corona) एक नई किस्म की बीमारी है जिसकी वजह से इसके संक्रमण, लक्षण और अन्य असर के बारे में लगभग हर रोज कुछ न कुछ नई जानकारी सामने आती ही रहती है।
हाल ही में अमेरिका (United States of America) के लॉस एंजिलिस की रहने वाली एक महिला जो कि कोविड-19 (covid-19) के संक्रमण से मुक्त हो गई थी, लेकिन एक हफ्ते बाद वह फिर से कोरोना (corona) की चपेट में आ गयी और वह महिला फिर से पॉजिटिव पाई गई।
न्यूजर्सी के एक डॉक्टर ने दावा किया कि अक्सर ऐसा देखा जा रहा है कि कई मरीज कोरोना से ठीक हो जाने के बाद भी दोबारा से कोरोना (corona) के चंगुल में फंस जा रहे हैं। उन्हें कोरोना से मुक्ति मिलने के कुछ दिनों बाद कोरोना पॉज़िटिव बताया गया, ये बहुत दिक्कत करने वाला है।
डॉक्टर ने ये भी कहा कि जो मरीज एक बार संक्रमित होने के बाद ठीक हो गया है, लेकिन जब वह दूसरी बार संक्रमित होता है तो वह ज्यादा भयावह स्थिति में होता है।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा दी गयी इस जानकारी के बाद से लोगों के अंदर अब एक डर बैठ गया है। लोगों को अब ये डर लगने लगा है कि वो कोरोना से दोबारा भी संक्रमित हो सकते हैं।
ऐसे भी बहुत से लोग हैं जिन्हें ऐसा लगने लगा है कि शायद कोरोना के असर से अब कभी भी उबरा ही नहीं जा सकता है।
वास्तव में सामने आ रहीं ऐसी कहानियाँ लोगों के अंदर एक डर पैदा कर रही हैं। इसके साथ ही हर्ड इम्युनिटी के सिद्धांत को झूठा साबित करती हैं। हर्ड इम्युनिटी के विकसित होने के बाद ही यह वायरस इस स्थिति में पहुंच जाता है कि वह किसी मरीज के अंदर जानलेवा खतरा पैदा नहीं कर सकता।
कोरोना के रिसर्च में लगे हुए एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना को अस्तित्व में आए हुए अभी मात्र 7 महीने ही हुए हैं। इस अवधि के दौरान किए गए अध्ययन में ऐसा पाया गया कि कोरोना वायरस भी अन्य पुराने वायरस की तरह ही व्यवहार करता है।
ऐसा अनुमान अब लगाया जा रहा है कि अगर कोरोना का वैक्सीन विकसित हो जाता है तो उसके बाद ही हर्ड इम्युनिटी भी विकसित की जा सकती है।
क्या कोरोना पॉज़िटिव व्यक्ति को दोबारा कोरोना हो सकता है, के सवाल पर विशेषज्ञों की अपनी अलग राय है। उनका कहना है कि यह हो सकता है कि कोरोना एक ही व्यक्ति पर दोबारा अटैक करे, लेकिन दूसरी बार में इस वायरस से संक्रमित होने वाला व्यक्ति कम खतरे में होता है।
इसकी वजह यह है कि एक बार कोरोना वायरस का संक्रमण होने के बाद इंसान के शरीर में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जाती है और उसके बाद यह इंसान पर उतना गहरा प्रभाव नहीं छोड़ सकता।
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