भारत में पशुओं के चारे में इस्तेमाल होने वाली मक्का खली की मांग लगातार बढ़ रही। भारत के साथ-साथ दूसरे देशों से इसकी मांग में इजाफा हुआ है। ईरान, इराक और सऊदी अरब तथा कुछ अन्य देशों से मक्का खली की निरंतर मांग आ रही है। इसी वजह से कई भारतीय कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार करने में लगी हैं।
दुधारु पशुओं में दूध की मात्रा में होता है इजाफा
राजस्थान के अलवर के मक्का तेल और मक्का खली के प्रमुख कारोबारी अर्पित गुप्ता ने बताया कि मक्का खली की मांग लगातार बढ़ रही है। मक्का खली का वर्ष 2016-17 में 250.35 टन का निर्यात हुआ था जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 350.18 टन हो गया। चालू वित्त वर्ष में यह निर्यात 500 टन के स्तर को पार कर चुका है। मक्का खली की बढ़ती मांग को देखते हुए हम अपने संयंत्र की उत्पादन क्षमता 500 टन से बढ़ाकर 1,000 टन प्रति माह करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश में मक्का खली की ज्यादातर मांग राजस्थान के सीकर, उदयपुर, बाड़मेर, बहरोड़, चौमू जैसे शहरों के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात तथा उत्तर भारत के अन्य स्थानों से आती है। मक्का खली में पानी सोखने की काफी क्षमता होती है और इसी वजह से दुधारू पशुपालक मूंगफली, बिनौला, सरसों के स्थान पर मक्का खली का चारे में रूप में अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका दावा है कि इससे उपयोग से दुधारू पशुओं से अधिक और बेहतर गुणवत्ता का दूध प्राप्त होता है।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर मक्का खली
मक्का खली कई पौष्टिक तत्वों और विटामिन ई से भरपूर होती है और मूंगफली की तुलना में इसमें तेल की मात्रा दोगुना होती है। मक्का की खली आसानी से पच जाती है और इसके इस्तेमाल से दुधारु पशुओं में दूध की मात्रा में इजाफा होता है। मक्का खली भिगोने पर काफी फूलती है जिससे इसका वजन अन्य खली की तुलना में अधिक हो जाता है। इसकी खल में तेल की मात्रा 10 से 14 प्रतिशत तक होती है जबकि अन्य खलों में यह सात से आठ प्रतिशत ही रहती है जिससे पशु में दूध में चिकनाई की मात्रा भी बढ़ जाती है। मक्का के बायप्राडक्ट में छह प्रतिशत गुलूटन होता है। खली की मांग बढ़ने से किसान मक्का की खेती की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
बड़े पैमाने में हो रहा उत्पादन
मक्का खली की बढ़ती मांग को देखते हुए राजस्थान में भी अब इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन होने लगा है। गुजरात इस मामले में आगे है। देश में 90 फीसदी मक्का खल का उत्पादन गुजरात में होता है। अब राजस्थान इस मामले में आगे बढ़ रहा है। मक्का खली का उत्पादन 1980 के दौरान गुजरात में ही हुआ था।