शादियों में खाने की बर्बादी रोकेगी ये पहल!
अक्सर शादी और बाकी बड़े समारोहों में खाने की काफी बर्बादी होती है, लेकिन अब इसको रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने कमर कस ली है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए इसे चिंता का विषय बताया था।
सुप्रीम कोर्ट की बात का जवाब देते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने कहा कि दिल्ली सरकार भी कोर्ट की सोच की दिशा में ही काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले में दिल्ली के गवर्नर के साथ चर्चा की गई है और उनके साथ भी इस विषय पर सहमति है। इसकी योजना पर काम किया जा रहा है।
ये है योजना
सरकार की योजना है कि शादी में आने वाले मेहमानों की संख्या और खाने की मात्रा निश्चित कर दी जाए। साथ ही कैटरिंग सर्विस को भी दुरुस्त किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि एक ओर हम मेहमानों को लिमिटेड (सीमित) कर सकते हैं तो दूसरी ओर फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड ऐक्ट के तहत कैटरर और बेसहारा लोगों को खाना उपलब्ध कराने वाले एनजीओ के बीच एक व्यवस्था बनाई जा सकती है।

कोर्ट ने मुख्य सचिव को कहा है कि कोई भी ठोस कदम उठाने से पहले सरकार इस मुद्दे को व्यवस्थित ढंग से हल करने के लिए एक पॉलिसी कोर्ट के सामने पेश करे। इस पॉलिसी को बनाने के लिए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को छह हफ़्तों का वक्त दिया है।
गंदे पानी के ट्रीटमेंट पर भी होगा विचार
गंदे पानी से भी पर्यावरण को कई नुकसान होते हैं इसलिए इसके ट्रीटमेंट की व्यवस्था भी जरूरी है। मुख्य सचिव ने कहा कि इस बारे में भी सुप्रीम कोर्ट जो आदेश देंगे, हम उसी तरह इस समस्या से निपटेंगे।
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अगर जल्द ही सरकार और कोर्ट मिलकर इस मामले में कड़े नियम बना लेगी तो समारोहों में हो रही खाने व पानी की बर्बादी को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि इस बात को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जाए ताकि लोगों का नजरिया बदले और वे खाने की अहमियत को समझें।
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