लखनऊ में मरीजों से वसूले जा रहे अधिक रुपए, प्रभारी अधिकारी ने दी चेतावनी
लखनऊ में कोविड का उपचार कर रहे मरीजों से अधिक रुपया वसूला जा रहा है। इसकी हकीकत आज उस समय खुल गई जब प्रभारी अधिकारी डॉ रोशन जैकब ने राजधानी के सहारा और मेयो हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। आज वह कोविड रोगियों के उपचार के लिए अधिक वसूली करने के सम्बन्ध में प्राप्त शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए गोमतीनगर स्थित सहारा व मेयो हास्पिटल का औचक निरीक्षण करने पहुंची थी। सबसे पहले प्रभारी अधिकारी ने गोमतीनगर स्थित सहारा हॉस्पिटल का जायजा लिया। यहां पर प्रभारी अधिकारी द्वारा बिलिंग काउंटर का निरीक्षण किया गया।
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सहारा हॉस्पिटल पहुंचीं प्रभारी अधिकारी डॉ रोशन जैकब ने बिलिंग काउंटर पहुंच कर डिस्चार्ज किए हुए रोगियों के बिल का विवरण देखे । निरीक्षण में पाया गया कि हॉस्पिटल द्वारा कन्सलटेंसी, फार्मा (मेडिसिन), प्रोसिजरल चार्जेस आदि हेड में अतिरिक्त भुगतान कराया हुआ पाया गया। साथ ही हॉस्पिटल द्वारा आरटीपीसीआर टेस्ट भी अधिक दर पर होता पाया गया। जिसके सम्बन्ध में प्रभारी अधिकारी ने निर्देश दिया गया कि तत्काल रोगियों से अधिक शुल्क लिये जाना बंद करा जाए और शासनादेश के अनुसार ही रोगी से उपचार शुल्क लिया जाना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही निर्देश दिया गया कि यदि शासन द्वारा निर्धारित पैकेज के अतिरिक्त अगर कोई विशेष दवा या जांच कराई जाती है तो उसका ब्यौरा बिल में स्पष्ट रूप से दिखाया जाए। अनावश्यक हेड बढ़ाकर रोगियों से अधिक शुल्क न वसूला जाए।
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इसके बाद प्रभारी अधिकारी सहारा हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में उपचार की व्यवस्थाओं का सत्यापन के उद्देश्य से पहुँची। कोविड वार्ड में जा कर प्रभारी अधिकारी द्वारा रोगियों से उनका हाल चाल पूछा गया और उपचार सम्बंधित फीडबैक लिया गया। रोगियों द्वारा बताया गया कि हॉस्पिटल द्वारा अच्छा उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रभारी अधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि कोविड रोगियों के उपचार की मॉनिटरिंग सीनियर डॉक्टरों द्वारा प्रतिदिन राउंड लेकर की जाए।
प्रभारी अधिकारी गोमतीनगर स्थित मेयो हॉस्पिटल पहुंची। यहां पर उनके द्वारा बिलिंग काउंटर का निरीक्षण किया गया और डिस्चार्ज हुए रोगियो के बिलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में आरटीपीसीआर टेस्ट शासन द्वारा निर्धारित दरों पर होता पाया गया, लेकिन हॉस्पिटल की तरफ से फार्मा चार्जेस (मेडिसिन) और ऑक्सीजन का अतिरिक्त हेड बना कर अतिरिक्त शुल्क रोगियों से लिया जाता पाया गया। जिसके सम्बन्ध में प्रभारी अधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि शासन द्वारा निर्धारित शुल्क के आधार पर ही रोगियों से शुल्क लिया जाए।
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18,000 रुपये से अधिक नहीं ले सकते अस्पताल
प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने बताया गया की शासनादेश के अनुसार कोविड 19 रोगी के उपचार के लिए 18,000 प्रतिदिन के पैकेज का निर्धारण किया गया है जिसमे हाइपरटेंशन एवं अनियंत्रित डायबिटीज से पीड़ित को-मर्बिटीज रोगी भी सम्मिलित है। उन्होंने बताया कि निजी हॉस्पिटलों हेतु निर्धारित शुल्क सभी सुविधाओं को सम्मिलित करते हुए पैकेज में उपचार किये जाने के लिए बेड, भोजन तथा अन्य सुविधाएं जैसे नर्सिंग केयर, मॉनिटरिंग, इमेजिंग सहित अन्य आवश्यक जांचे, विजिट/कन्सल्ट, चिकित्सक परीक्षण आदि सुविधाए सम्मिलित है। साथ ही को-मर्बिटीज रोगियों का उपचार तथा अल्प अवधि की हिमो डायलेसिस की सुविधा भी पैकेज में सम्मिलित है। उक्त पैकेज में आरटीपीसीआर टेस्ट और आई0एल0 06 टेस्ट को सम्मिलित नही किया गया है, परन्तु आरटीपीसीआर टेस्ट की दर का भी निर्धारण किया गया।
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नहीं सुधारने पर एफआईआर के दिए निर्देश
इसके बाद प्रभारी अधिकारी सहारा हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में उपचार की व्यवस्थाओं का सत्यापन के उद्देश्य से पहुँची। कोविड वार्ड में जा कर प्रभारी अधिकारी द्वारा रोगियों से उनका हाल चाल पूछा गया और उपचार सम्बंधित फीडबैक लिया गया। रोगियों द्वारा बताया गया कि हॉस्पिटल द्वारा अच्छा उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रभारी अधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि कोविड रोगियों के उपचार की मॉनिटरिंग सीनियर डॉक्टरों द्वारा प्रतिदिन राउंड लेकर की जाए।
प्रभारी अधिकारी गोमतीनगर स्थित मेयो हॉस्पिटल पहुंची। यहां पर उनके द्वारा बिलिंग काउंटर का निरीक्षण किया गया और डिस्चार्ज हुए रोगियो के बिलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में आरटीपीसीआर टेस्ट शासन द्वारा निर्धारित दरों पर होता पाया गया, लेकिन हॉस्पिटल की तरफ से फार्मा चार्जेस (मेडिसिन) और ऑक्सीजन का अतिरिक्त हेड बना कर अतिरिक्त शुल्क रोगियों से लिया जाता पाया गया। जिसके सम्बन्ध में प्रभारी अधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि शासन द्वारा निर्धारित शुल्क के आधार पर ही रोगियों से शुल्क लिया जाए।
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