युवाओं को शासन की योजनाओं से जोड़ने का किया जा रहा काम: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को शासन की योजनाओं के साथ जोड़ने का कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य बिना भेदभाव के कर रही है। सरकार का अनवरत यही प्रयास रहता है कि बेहतर से बेहतर काम करके जनता को सुविधा दी जाए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार पूर्वदशम/दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना 2021-22 के अन्तर्गत 12 लाख 17 हजार 631 मेधावी छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में 458 करोड़ 66 लाख रुपए का ऑनलाइन अन्तरण किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्कॉलरशिप के माध्यम से छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में मदद दी जा रही है। उन्होंने छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही, समाज कल्याण व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे इन छात्र-छात्राओं को शासन की योजनाओं से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं की जानकारी होना भी एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए जागरूकता महत्वपूर्ण होती है। यह कार्यक्रम उसी जागरूकता का एक हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्ष में वर्तमान राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में 40 लाख से अधिक विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप योजना से जोड़ने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि 02 अक्टूबर, 2021 को लगभग 57 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति की किस्त भेजी गयी थी। अब तक 68 लाख से अधिक विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति उपलब्ध करायी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार विद्यार्थियों के साथ भेदभाव करती थी। वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप रोक दी गयी थी। पूर्ववर्ती सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्य करती थी। जिसके कारण लोक कल्याणकारी योजनाएं बाधित होती थीं। मार्च, 2017 में वर्तमान सरकार ने पहल करके उन विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप को भेजने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कोटा और प्रयागराज में पढ़ रहे प्रदेश के हजारों बच्चों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने का कार्य किया गया था। उस समय उन बच्चों के माता-पिता की व्यग्रता को प्रदेश सरकार ने महसूस किया। इसके दृष्टिगत विद्यार्थियों को उन्हीं के जनपद में कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया, ताकि इन्हें घर से दूर कोचिंग के लिए ना जाना पड़े। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना उसी का परिणाम है। अभ्युदय योजना के अन्तर्गत निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गयी है। इस योजना के माध्यम से प्रतियोगी छात्रों ने विभिन्न परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है, जो प्रदेश के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
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उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ी जाति समेत सभी जातियों के प्रतियोगी छात्रों के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना संचालित की गई है। यह योजना वर्तमान में प्रदेश के 18 मण्डल मुख्यालयों पर संचालित की जा रही है। आने वाले समय में यह प्रदेश के सभी जनपदों में संचालित की जाएगी। इस योजना के माध्यम से संघ लोक सेवा आयोग, उ0प्र0 लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग, बैंकिंग, रेलवे, जेई, नीट सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को सुविधा होगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। सभी प्रवेश प्रक्रियाओं को 30 दिसम्बर, 2021 तक अवश्य पूरा कर लिया जाए, जिससे विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति उपलब्ध करायी जा सके। उन्होंने कहा कि आगामी 26 जनवरी तक शेष छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति अवश्य उपलब्ध करा दी जाए। उन्होंने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, पॉलीटेक्निक, आईटीआई, पैरामेडिकल जैसी विभिन्न संस्थाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण की योजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाएं समय पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर लें, जिससे दिसम्बर से मार्च तक छात्र-छात्राओं को टैबलेट और स्मार्टफोन प्रदान किया जा सके।
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