कीरत सागर तालाब पर गांव के पढ़ाकू लड़ रहे अनोखी जंग

बुंदेलखंड स्थित महोबा के कीरत सागर तालाब से गांव के पढ़ाकू नौजवानों ने एक नयी जंग का एलान किया है। यह ऐलान किसी के विरुद्ध नहीं बल्कि प्रतियोगिताओं को जीतने का ऐलान है।
महोबा के जिस कीरत सागर तालाब को घेर कर पृथ्वीराज चौहान ने राजा परमाल को चुनौती दी थी। उस तालाब के किनारे बैठकर पढ़ाकू नौजवानों ने प्रतियोगिताओं की जंग को जीतने का एलान किया है।
क्लब बनाकर की प्रतियोगिता की तैयारी
इन नौजवानों ने लगभग 5 वर्ष पूर्व एक क्लब बनाकर प्रतियोगिताओं की तैयारी शुरुआत की। अंजाम तक पहुंचाने को किताबों से जूझते हुए आपस में वाद-विवाद कर साथ ही प्रति सप्ताह उस तैयारी का आंकलन परीक्षा देकर करते हैं। वह परीक्षा कोई और नहीं लेता है बल्कि उन्हीं में से कोई एक जिसकी बारी होती है परीक्षा का पेपर सेट करके लाता है। परीक्षा में जो भी कमियां पाई जाती हैं उन्हें आपस में ही मिल बैठ कर दूर किया जाता है।
जिनके पास टयूशन का पैसा नहीं उनका अड्डा है तालाब
जब उनसे इस तरह की अनोखी जंग के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने एक दूसरे पर टालते हुए बताया कि कुछ छात्र जो ट्यूशन में खर्च नहीं कर सकते थे वो यहीं बैठ कर परीक्षा की तैयारी करते थे। सोचा कि क्यों न यहीं पर बैठ कर सामूहिक रूप से प्रतियोगिताओं की तैयारी शुरू की जाय।
लोग आते गए कांरवा बनता गया। यह नौजवान किसी एक को इसका श्रेय नहीं देते बल्कि सामूहिक रूप से सभी का योगदान मानते हैं। इन पांच सालों में लगभग एक सैकड़ा छात्र विभिन्न परीक्षाओं में पास होकर अपना भविष्य निर्धारित कर चुके हैं।
कीरत सागर तालाब का पानी तो तमाम प्रयासों के बाद भी सूखने से नहीं बचाया जा सका। लेकिन तालाब के तट पर बैठकर शिक्षा की जो अलख जगाने का काम शुरू किया गया है वो जरुर दूर तक जगाने का काम करेगी।
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