व्हाट्सअप ग्रुप्स से साड़ी बेचकर हर महीने डेढ़ लाख कमाती है यह महिला
पहले जमाने में कभी यह धारणा बहुत प्रचलित थी कि महिलाएं केवल घर का काम ही संभाल सकती हैं, बिजनेस उनकी बस की बात नहीं है। लेकिन बदलते समय ने इस धारणा को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया है। चेन्नै की रहने वालीं शंमुगा प्रिया ने साड़ी व्यवसाय में अपनी सफलता से समाज की अन्य महिलाओं के सामने एक मिसाल पेश की है।
शंमुगा व्हाट्सअप पर यूनीक थ्रेड्स नाम से साड़ी का बिजनेस करती हैं। उनका व्हाट्सअप ग्रुप करीब 250 छोटे दुकानदारों से जुड़ा हुआ है। वह इनसे खुद भी सामान खरीदती है। इन ग्रुप्स के जरिए करीब 85000 अन्य विक्रेताओं तक उनकी साड़ी की पहुंच है। इस तरह से वह हर महीने करीब डेढ़ लाख रुपये कमा लेती हैं। वह बताती हैं कि त्योहार के दौरान उनकी साड़ी की बिक्री त्योहार के दौरान और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
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संघर्ष के दौर में मिली आगे बढ़ने की प्रेरणा
ऐसा नहीं है कि शंमुगा के लिए इस क्षेत्र में चीजें हमेशा से इतनी आसान थीं। उन्होंने 10 साल तक एक कंपनी में एचआर के पद पर काम किया था। इस दौरान उनकी सास की हालत बेहद खराब होने के चलते उन्हें अपने इस काम से इस्तीफा देना पड़ा। अब वह काम छोड़कर सास की देखभाल करने लगी थीं। हालांकि नौकरी छोड़ने के कुछ समय बाद ही उनकी सास का निधन हो गया था। उनका अपनी सास के साथ बेहद ही भावनात्मक लगाव था। इस दौरान उनका बेटा भी तीन महीने का था। उनके पति दिल्ली में जॉब से संबंधित ट्रेनिंग कर रहे थे। वह ग्रेजुएट थीं और घर पर खाली बैठना उन्हें पसंद नहीं था।
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पति की बात से आया आइडिया
शंमुगा बताती हैं कि वह घर पर खाली बैठकर दुखी थीं। तब पति हरी से बात के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी मां घर-घर घूमकर साड़ी बेचा करती थीं। इसी से होने वाली कमाई से उन्होंने मुझे और भाई भहनों को पाला था। हरी की यह बात शंमुगा के दिमाग में बैठ गई। उन्होंने सोचा कि अगर उस दौर में घर-घर घूमकर साड़ी बेची जाती थी तो आज का समय तो काफी बेहतर है। हम बगैर ज्यादा परिश्रम के यह काम व्हाट्सअप के जरिए कर सकते हैं। बस यहीं से शंमुगा ने कुछ करने की ठान ली ली थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2013 में 30000 रुपये की लागत से इस व्यवसाय में कदम रखा और स्थानीय बाजार से साड़ियां खरीदीं।
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व्हाट्सअप के साथ ही फेसबुक की ली मदद
अपने इस व्यवसाय के बारे में शंमुगा बताती हैं कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को बता दिया था। शंमुगा ने बताया कि शुरुआत में तमाम रिश्तेदार और परिचित घर पर साड़ी देखने आते थे। पूरा दिन उन्हें साड़ी दिखाने में बीत जाता था। इसके बाद उन्होंने अपनी साड़ियों की फोटो दोस्तों को व्हाट्सअप के जरिए भेजी। बाद में उनके दोस्तों ने यह फोटो अन्य ग्रुप में भेज दी। जिसके बाद केवल एक सप्ताह के अंदर ही उनकी सारी साड़ी बुक हो गई। अब वह व्हाट्सअप के जरिए ही अपने व्यवसाय को बढ़ा रही हैं। वह बताती हैं कि उन्होंने फेसबुक पर भी एक रीसेलर ग्रुप बनाया है। जिसमें आज हजारों की तादाद में यूजर्स हैं। शंमुगा की सफलता पर एक शॉर्ट फिल्म भी बनी है। साथ ही उन्हें कई सम्मान भी मिल चुके हैं।
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