फुटबाल के 'महाकुंभ' में किया जा रहा प्रयाग के 'कुंभ' का प्रचार
इस समय पूरे विश्व में फीफा वर्ल्ड कप की धूम मची हुई है। रूस में चल रहे फुटबाल के महाकुंभ में इलाहाबाद के कुंभ का प्रचार किया जा रहा है। यूनेस्को की ओर से कुंभ को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिए जाने के बाद इसका महत्व और बढ़ गया है। कुंभ जैसे महापर्व पर देश विदेश के लाखों श्रद्धालु आते हैं। विदेशी श्रद्धालु की संख्या को बढ़ाने के लिए इलाहाबाद के स्थानीय नेता इस समय फुटबाल के महाकुंभ में प्रचार करने में जुटे हुए है। 2019 में इलाहाबाद में होने वो कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के लिए वह इस अपनी टीम के साथ प्रचार कर रहे हैं। यहां पर प्रचार करने वाले नेता हैं राकेश शुक्ला।
दुनियाभर में कोने-कोने से श्रद्धालुओं को बढाने के लिए रूस की राजधानी मॉस्को में रोड शो भी निकाला गया। मॉस्को मे स्थित प्रसिद्ध रेड स्क्वायर से निकले रोड शो के माध्यम से 'चलो कुंभ चलें' जैसे स्लोगन के साथ ही कुंभ का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसके जरिये विदेश में बसे लोगों को कुंभ के महत्व को बताया जा रहा है। जिससे की वह लोग प्रेरित होकर संगम के तट पर 2019 में लगने वाले कुंभ में अधिक से अधिक संख्या में लाए गए। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इस मेले में 10 करोड़ से भी अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना जताई है। इसी को देखते हुए इस बार भी मेले के स्थान का एरिया बढ़ा दिया गया है। अब इसे 32 सौ हेक्टेयर में आयोजित करने की योजना पर काम चल रहा है।'
बता दें कि 2019 में होने वाले कुंभ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की भी अलग-अलग तरीके से प्रचार-प्रसार कर रही है। श्रद्धालुओं की संख्या अधिक से अधिक बढ़ाने कुंभ मेले की जमकर ब्रॉडिंग की जा रही है। इसी क्रम में पांच जुलाई को बीजेपी नेता राकेश शुक्ला अपनी टीम के साथ रूस पहुंचे। उनके साथ बीजेपी की ओवरसीज फ्रेंड की रूस शाखा के अध्यक्ष सैमी कोटवानी, चीना शर्मा और चाकरी पिल्लई भी मौजूद हैं। मेले की ब्रॉडिंग के लिए यहां पर लोगो को टी-शर्ट बांटी जा रही है।
15 जनवरी को होगा पहला शाही स्नान
2019 में संगम के तट लगने जा रहे अर्द्धकुंभ को सरकार ने इस बार कुंभ तथा कुंभ को महाकुंभ का नाम दिया है। इस तरह से कुंभ मेले में शाही स्नान का ऐलान कर दिया गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अनुसार इलाहाबाद में लगने वाले कुंभ मेले में पहला शाही स्नान 15 जनवरी, 2019 को मकर संक्रांति के मौके पर होगा। वहीं दूसरा शाही स्नान 4 फरवरी, 2019 को मौनी अमावस्या के मौके पर होगा. इसके बाद तीसरा और आखिरी शाही स्नान 10 फरवरी, 2019 को वसंत पंचमी के दिन किया जाएगा।
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