हर बच्चे की सोचने-समझने की क्षमता अलग होती है। किसी को कोई सब्जेक्ट बहुत आसानी से समझ आ जाता है तो किसी को उसे समझने में काफी समय लग जाता है। कुछ टीचर्स ऐसे होते हैं जो बने बनाए ढर्रे पर ही बच्चों को पढ़ाते चले जाते हैं और बच्चे अपनी-अपनी समझ के हिसाब से उस सब्जेक्ट को सीख लेते हैं, लेकिन कुछ टीचर्स ऐसे भी होते हैं जो बच्चों को कुछ पढ़ाने और सिखाने के लिए सिर्फ ब्लैकबोर्ड पर निर्भर नहीं रहते।
ऐसी ही एक शिक्षिका हैं आंध्रप्रदेश के राजमंद्री की एम मंगा रानी। मंगा रानी ऑडियो विजुअल माध्यम के सहारे बच्चों को इस तरीके से समझाती हैं कि उन्हें मजा भी आए और वो सब आसानी से सीख भी जाएं।
राजमंद्री के मुरारी गांव के एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाली मंगा रानी अपने सारे वीडियो स्मार्टफोन पर शूट करती हैं और उन्हें खुद ही एडिट भी करती हैं। उन्होंने अपना एक यूट्यूब चैनल भी बनाया है, जिसके जरिए वो सिर्फ अपने स्टूडेंट्स ही नहीं बल्कि देश भर के बच्चों को पढ़ाने काम करती हैं। यूट्यूब पर उनके चैनल के 46,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। देश के कई हिस्सों में पढ़ाने वाले अध्यापकों ने उनसे संपर्क किया और इस काम के लिए उन्हें बधाई भी दी।
मंगा रानी ने अपना ग्रेजुएशन कंप्यूटर साइंस में किया और इसके बाद उन्होंने टीचिंग को अपना करियर बना लिया। उन्होंने सबसे पहले अपने ही स्कूल के बच्चों को समझाने के लिए वीडियो का सहारा लिया था। वेबसाइट बेटर इंडिया से बात करते हुए वह बताती हैं कि नए बच्चों को तेलुगू सीखने में काफी मुश्किल होती थी, उस मुश्किल को आसान करने के लिए मैंने इस माध्यम का सहारा लिया। मंगा रानी कहती हैं, ‘हर बच्चे की समझने की क्षमताएं अलग होती हैं। पढ़ाने का तरीका कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे बच्चों को सब आसानी से समझ आ जाए और उनका मन भी पढ़ाई में लगे। इसलिए मैंने हर बात को कविता की तरह समझाने की कोशिश की और उसके वीडियो बनाए। इससे बच्चों का मन पढ़ाई में लग रहा है।’
2012 में शुरू किया था यूट्यूब चैनल
मंगा रानी अपने यूट्यूब चैनल को 2012 में शुरू किया था। 6 साल में इसके लगभग 47 हजार सब्सक्रइबर्स हो गए हैं। वह कती हैं कि सारे वीडियो स्कूल के करिकुलम के हिसाब से तैयार किए गए हैं और कई बार मैं सरकारी मटीरियल का भी इस्तेमाल इन वीडियोज में करती हूं। मंगा रानी कहती हैं कि मैंने खुद कई ऐसे बच्चों को देखा है जिन्हें पहले कोई सब्जेक्ट समझने में परेशानी होती थी, लेकिन इन वीडियोज के जरिए वे आसानी से वह बात समझ जाते हैं।
पूरा परिवार करता है मदद
मंगा रानी 8 साल से शिक्षा के क्षेत्र में हैं और वह अपने अभी तक के इस सफर का पूरा श्रेय अपने पति को देती हैं। खुश होते हुए वह कहती हैं कि मेरे पति ने हर कदम पर मेरा साथ दिया और अब मेरी बेटी और बेटा भी वीडियो के वॉइस ओवर रिकॉर्ड करते हैं। वह कहती हैं कि हमारे देश का टीचिंग सिस्टम बहुत आसान नहीं है। मैं बस ये चाहती हूं कि हर टीचर्स बच्चों को इस तरह पढ़ाएं कि हर बात उन्हें आसानी से समझ आ जाए।