
वैज्ञानिकों ने आर्कटिक महासागर की गहराइयों में 7,000 साल पुराना एक अनोखा कीचड़ ज्वालामुखी खोजा है, जो समुद्री जीवों के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रय स्थल बन रहा है। इस खोज को नॉर्वे की आर्कटिक यूनिवर्सिटी (UiT) और ओशन सेंसस के वैज्ञानिकों ने 2023 में अंजाम दिया।
कैसे हुआ यह अद्भुत खोज

यह खोज ओशन सेंसस और REV Ocean के शोधकर्ताओं द्वारा संचालित एक अभियान के दौरान हुई, जब उन्होंने एक विशेष रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) की मदद से इस प्राचीन ज्वालामुखी का पता लगाया। यह ज्वालामुखी समुद्र तल से 400 मीटर की गहराई में स्थित है और इसे ‘बोरेलिस मड वॉल्केनो’(Borealis Mud Volcano) नाम दिया गया है।
समुद्री जीवन के लिए क्यों है यह महत्वपूर्ण?
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह ज्वालामुखी अपने आसपास के तापमान को 11.5°C तक बढ़ा देता है, जबकि आमतौर पर इस क्षेत्र में समुद्र तल का तापमान केवल 4°C रहता है। तापमान में इस बदलाव से यह क्षेत्र कई समुद्री जीवों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल बन गया है। ज्वालामुखी के क्रस्ट से निकलने वाले पोषक तत्व जीवों को भोजन, शरण और अनुकूल पर्यावरण प्रदान कर रहे हैं।
क्या कह रहे हैं वैज्ञानिक?
ओशन सेंसस के अनुसार, “एक ज्वालामुखी आमतौर पर जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना जाता, लेकिन यह खोज दर्शाती है कि समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में किस प्रकार के अद्वितीय और अप्रत्याशित कारक काम करते हैं।”
इस खोज से समुद्र विज्ञान और आर्कटिक जैव विविधता पर नए शोध के रास्ते खुल सकते हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह खोज भविष्य में समुद्री पारिस्थितिकी को बेहतर समझने में मदद करेगी।