इस ड्राइवर के साथ रिटायरमेंट के दिन कुछ ऐसा हुआ जो उसने सपने में भी नहीं सोचा था
आपने अधिकतर सुना होगा बॉस को अपने एम्प्लॉई को डांटते हुए, एम्प्लॉई को पीठ पीछे बॉस को खरी-खोटी सुनाते हुए। लेकिन ऐसा कम ही होता है कि इसके विपरीत कुछ सुनने को मिले। अक्सर बड़े पदों पर बैठे अधिकारी अपने गर्म मिजाज की वजह से जाने जाते हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी गिने चुने अधिकारी होते हैं जो सबके काम को बराबर सम्मान देते हैं। इसी की मिसाल है राजस्थान के एडीएम और उनके ड्राइवर की ये खबर।
राजस्थान बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई के लिए गाड़ी चलाने वाले सरकारी ड्राइवर मदनदास को इस अंदाज में रिटायरमेंट मिला की उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। मदनदास के सेवानिवृत्त होने पर एडीएम खुद उनके ड्राइवर बने। विश्नोई ने मदनदास को गाड़ी में अपनी सीट पर बिठाया और खुद ड्राइव करके उन्हें घर तक छोड़कर आये। यह पल मदनदास के लिए भावुक होने वाला था। यह सम्मान उन्हें अपनी सैलरी से भी ज्यादा खुशी देने वाला होगा।
एडीएम विश्नोई के इस कदम की पूरे जिले में ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा हो रही है। खास बात है कि एडीएम ओमप्रकाश विश्नोई ने अपनी बत्ती लगी कार को पहले सरकारी आवास पर फूलों से सजवाया। फिर खुद कार ड्राइव करते हुए ड्राइवर मदनदास को ऑफिस से लेकर घर पहुंचे। उनका कहना है कि मदनदास ने 40 साल तक कलक्ट्रेट में सेवाएं दी हैं। मदनदास के साथ उनका लगाव इतना था कि कभी ऐसा नहीं लगा कि वे मेरे ड्राइवर हैं। वे हमेशा परिवार के एक सदस्य की तरह रहे। इसी लगाव के कारण उनका ड्राइवर बनकर घर पहुचाने आया हूं। मदनदास ने हमेशा अफसरों को सुरक्षित मंजिल तक पहुंचाने की सेवा का बखूबी निर्वहन किया है। ऐसे में वे यह तोहफा पाने के हकदार थे।
मदनदास 40 साल से दे रहे थे सेवा
मदनदास पिछले 40 साल से कलक्ट्रेट में ही सेवाएं दे रहे थे। इस साल वह सेवानिवृत हुए। साहब के आने पर गेट खोलना और उन्हें सम्मानपूर्वक बिठाना उनकी आदत में शुमार हो चुका था। साहब के हर आदेश का पालन किया। लेकिन आज जब उनके लिए एडीएम साहब ने गाड़ी का गेट खोला तो उन्हें भावुक कर दिया।
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