अब उत्तर प्रदेश में प्री प्राइमरी स्कूलों की मान्यता लेना होगा जरूरी
अगर आप उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूल खोलना चाहते हैं तो फिर आपके लिए सुनहरा मौका आने वाला है। अब प्री और प्राइमरी स्कूलों के मानक के साथ में नए नियमों को बनाने की तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से स्कूलों को खोलने को लेकर नए नियम और कानून भी लागू करने की तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से प्री प्राइमरी स्कूलों के संचालन के लिए अब सरकार से मान्यता लेना जरूरी होगा। यही नहीं, अब सरकार की तरफ से एक खास नियम बनाए जाने की बात की गई है।
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सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से एक निर्देश जारी किया गया है और प्री प्राइमरी स्कूल संचालित करने के लिए भी अब राज्य सरकार से मान्यता लेना जरूरी होगी। अभी तक प्री प्राइमरी स्कूल संचालित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से प्री प्राइमरी स्कूलों के लिए गाइडलाइन तैयार की जा रही है। इससे पहले प्ले स्कूल व प्री प्राइमरी स्कूलों में ली जाने वाली मोटी फीस पर नकेल रकम कसने की तैयारी चल रही है। सरकार की तरफ से अब आंगनबाड़ी केन्द्रों को और प्ले व प्री प्राइमरी स्कूलों की तरह खास तरीके से विकास करने की तैयारी की जा रही है।
लखनऊ में प्ले और प्री प्राइमरी स्कूलों की तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अकेले राजधानी लखनऊ में करीब दो हजार से अधिक प्ले व प्री प्राइमरी स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। प्री प्राइमरी और प्ले ग्रुप की तरफ से अभिभावकों से एक से ढ़ाई हजार रुपये तक प्रतिमाह फीस ली जा रही है। यही नहीं, यूपी के कई प्राइमरी स्कूल में तो लोगों ने अपने घरों के अंदर ही खोल रखें है। यहां पर कम से कम इस समय दो से तीन कमरों में संचालित हो रहे हैं। यही नहीं, सरकार की तरफ से कम सहूलियतों में यह अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते थे। ऐसे में सरकार की तरफ से नई शिक्षा नीति बनाई जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सरकार प्ले व प्राइमरी स्कूलों के मान्यता को जरूरी करने जा रही है। अब बच्चों की तरफ से सुरक्षा पर भी स्कूलों की जवाबदेही तय की जा रही है।
ऐसे गठित किए जाएंगे नियम
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से प्री-प्राइमरी को मान्यता देने के लिए नियम तय किए जाएंगे। नए नियमों के तहत समग्र शिक्षा अभियान के तहत एक प्री प्राइमरी यूनिट का गठन किया गया है। सरकार की तरफ से गठित होने वाली कमेटी प्री-प्राइमरी स्तर की शिक्षा से जुड़े मानकों व योजनाओं पर निर्णय लिया जा रहा है। सरकार की तरफ से जारी किए गए नए नियमों के अनुसार सरकार की तरफ से तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को औपचारिक शिक्षा में शामिल करेगी। अभी तक 6 साल की उम्र के बच्चों को कक्षा एक से औपचारिक शिक्षा में शामिल किया जाता है।
यही नहीं, परिषदीय विद्यालयों की तरह छोटे बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्ले स्कूल की तरह विकसित किया जा रहा है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सेविकाओं को 31 मार्च तक प्रशिक्षित किया जा रहा है। निजी संस्थाओं को प्ले स्कूल खोलने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता भी लेना जरूरी होगा। बता दें, इस समय उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 1.89 लाख आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे है। सरकार की तरफ से यहां के 6 साल तक के बच्चों को पुष्टाहार के साथ ही शिक्षा भी दी जाएगी।
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