देश भर में दुर्गापूजा का जश्न मनाया जा रहा है। पं बंगाल में अलग-अलग थीम पर बने पंडालों को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं लेकिन इस बार कोलकाता में बना एक पंडाल सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि यह पंडाल सेक्स वर्कस के जीवन और संघर्ष का समर्पित है।
उत्तर कोलकाता में अहिरिटोला युवकवृंद दुर्गा पूजा पंडाल तक जाने वाली सड़कों पर इस थीम को लेकर पेंटिंग भी बनाई गई हैं। इस पंडाल में सेक्स वर्कर्स की जिंदगियों को दिखाने की कोशिश की गई है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पंडाल की ओर जाने वाली सड़क पर 300 फुट लंबी पेंटिंग बनाने के अलावा दोनों तरफ की दीवारों पर पेंटिंग बनाई गई है। पेंटिंग के माध्यम से सेक्स वर्कर्स के संघर्ष और उन परिस्थितियों को भी दिखाने की कोशिश की गई है जिसकी वजह से उन्हें यह काम करना पड़ता है।
इस पंडाल में कोलकाता के सबसे चर्चित रेड लाइट एरिया सोनागाछी को दिखाया गया है। यहां लगभग 10,000 सेक्स वर्कर्स रहती हैं। इन पेंटिग्स को आठ कलाकारों ने मिलकर बनाया है।
प्रोजेक्ट के क्यूरेटर डेबरजून कर ने बताया, “दुर्गा पूजा सभी का उत्सव है, इसमें सेक्स वर्कर्स भी शामिल हैं। इसलिए हम समाज में मिले उनके अधिकार और सम्मान को उन्हें वापस देना चाहते हैं जिससे वो भी दूसरों की तरह अपना सिर उठाकर चलें।”
उन्होंने आगे कहा कि गलियां हमेशा से प्रदर्शन का माध्यम रही हैं फिर चाहे वो राजनीतिक हो या सामाजिक तो हमने सोचा क्यों न इन्हीं गलियों को सेक्स वर्कर्स की कहानियां बताने के लिए इस्तेमाल किया जाए।
“दुर्गा पूजा सभी का उत्सव है, इसमें सेक्स वर्कर्स भी शामिल हैं। इसलिए हम समाज में मिले उनके अधिकार और सम्मान को उन्हें वापस देना चाहते हैं जिससे वो भी दूसरों की तरह अपना सिर उठाकर चलें।”
उन्होंने आगे कहा कि गलियां हमेशा से प्रदर्शन का माध्यम रही हैं फिर चाहे वो राजनीतिक हो या सामाजिक तो हमने सोचा क्यों न इन्हीं गलियों को सेक्स वर्कर्स की कहानियां बताने के लिए इस्तेमाल किया जाए।
पंडाल की थीम को ‘उत्सारितो अलो’ नाम दिया गया है। इस थीम का मकसद सेक्स वर्कर्स को समाज में उनका अधिकार और सम्मान दिलाना है जो उनका है। इस थीम को कलाकृतियों व पेंटिंग के जरिए सजाने के लिए सेक्स वर्कर्स के लिए काम करने वाले एनजीओ दरबार महिला समन्वय कमेटी को आमंत्रित किया गया था। संगठन की सचिव काजोल बोस ने कहा, “हम पूजा समिति की पहल से बहुत खुश हैं और इस विषय को पूजा का केंद्र बनाना बहुत अच्छा लग रहा है।”