इस मुस्लिम युवक ने अपनी जान पर खेलकर 5 हिंदुओं को बचाया

बच्चा चोर गिरोह पर शक करते हुए धुले में पांच व्यक्तियों को मारने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर से ऐसी ही आग लाने की कोशिश नासिक के मालेगांव में की गई। शक के आधार पर एक जगह रुके एक ही परिवार के पांच लोगों को करीब 1500 लोगों ने घेर लिया। लेकिन एक युवा व पुलिस की सक्रियता की वजह से पांच लोगों की जान बचा ली गई। यहां एक महिला और एक बच्चे सहित पांच लोगों को बच्चा चोर गैंग समझकर हजारों लोगों की भीड़ ने घेर लिया था और पिटाई शुरू कर दी थी। यह होता देख एक युवा ने पांचों लोगों को अपने घर में छुपाकर उनकी जान बचाई।

मालेगांव के आजाद नगर मोहल्ले में अली अखबर अस्पताल के पास अफवाह फैली कि यहां पर बच्चा चोर गिरोह के लोग रूके हुए है। इसके बाद फिर यहां पर लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई और सभी बच्चों एक महिला और एक बच्चे सहित पांच लोगों की पिटाई शुरू कर दी। न्यूज18 के मुताबिक इसी बीच उग्र भीड़ में वहीं का रहने वाला एक वसीम नाम का युवक सामने आया और उसने उग्र भीड़ को समझाने की कोशिश की। उसने बताया कि यह बच्चा पकड़ने का गिरोह नहीं है बल्कि यह मजदूर है। उसके समझाने के बाद भी लोग नहीं माने तो वह सभी को अपने घर लेकर चला गया और भीड़ के चंगुल से बचाते हुए अपने घर में शरण दी। हालांकि वसीम के ऐसा करने के बाद भीड़ और आक्रोशित हो गई और उसके घर पर हमला कर दिया। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली और पुलिस दंगा नियंत्रण दल के साथ मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देखते ही भीड़ का और आक्रोश बढ़ गया। पुलिस की गाड़ियों की तोड़फोड़ की जाने लगी। पुलिस ने भीड़ को ऐसा करते देख भगाने के लिए बल का प्रयोग किया तब जाकर पांच लोगों की जान बचाई जा सकी।
अपर पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार ने बताया कि यहां परभणी से आया एक परिवार रात करीब 10 बजे मालेगांव के आजादनगर क्षेत्र में लोगों से पैसे मांग रहा था। क्योंकि उसके पास वापस जाने के लिए किराए के पैसे नहीं बचे थे। उन्होंने बताया कि यह लोग मजदूरी करके वापस लौट रहे थे और उन्हें पैसा न मिलने के कारण उनके पास पैसा नहीं था। ऐसे में यह सभी लोगों ने पैसे मांग रहे थे। उन्होंने बताया कि इन पांच लोगों के समूह में गजानन साहेबराव गिरि, उनकी पत्नी सिंधुबाई, इन दोनों का एक दो साल का बच्चा, सिंधुबाई की बहन अनुसूया एवं एक और रिश्तेदार योगेश थे। स्थानीय लोगों ने इन्हें बच्चा चोर गिरोह समझकर इन पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए और इनको पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। इन सभी जान एक युवा की वजह से बच पाई। उन्होंने बताया कि हमें 11 बजे सूचना मिली और यह पाते ही मौके पर 50 से अधिक पुलिस जवान घटना का काबू करने के लिए मौके पर पहुंच गए। भीड़ को काबू करने में काफी मेहनत करनी पड़ी हम उन लोगों को रात के ढ़ाई बजे सुरक्षित लाने में कामयाब रहें।
उन्होंने बताया कि इस तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ धारा 505 के तहत झूठी अफवाहें फैलाने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शक के आधार पर हो रही इन घटनाओं पर चिंता जताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने धुले की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता देने की भी घोषणा की है। धुले की घटना में अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी की उम्र 20 से 30 के बीच बताई जा रही है।
बच्चा चोर गैंग को लेकर वायरल हो रहे कई वीडियो
इस समय बच्चा चोरी को लेकर काफी वीडियो वायरल हो रही है। जिसका परिणाम अभी हाल में धुले की घटना है। यहां से 40 किलोमीटर दूर मालेगांव में भी ऐसा रूप देने की कोशिश की गई। इस साल 20 से ज्यादा निर्दोष लोग बच्चा चोरी करने के शक में भीड़ का शिकार हो चुके हैं। इन वीडियो में स्थानीय भाषाओं में लोगों को बताया गया है, 'इलाके में बच्चा चुराने वाला गैंग घूम रहा है। अपने बच्चे का ख्याल रखें।' जानकारी के मुताबिक, दो हफ्तों से इसी तरह का वीडियो मालेगांव में वायरल हो रहा था, जिसके चलते लोगों में बच्चा चोरों को लेकर दहशत बनी हुई थी।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
