2 मिनट के इस वीडियो से आप भी कुछ सीख सकते हैं...
बेटियां समाज में भेदभाव की शिकार होती रहेंगी जब तक कि हम और आप खुद आगे बढ़कर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे। हम पहले बेटियों को बचाने की बात करें उससे पहले थोड़ा हमारे सामाजिक तानेबाने पर चर्चा जरूरी है।
सामाजिक तानाबाना
शायद आप भी मानते होंगे, हमारे समाज की सबसे बड़ी सच्चाई है शादी! इसके बिना तो समाज बन ही नहीं सकता, खासकर जब लड़िकयां बड़ी हुईं तो सबसे पहले उसकी शादी के बारे में बाते होने लगती हैं। अगर किसी लड़की की शादी 25 साल तक नहीं होती तो समाज तरह-तरह की बातें करने लगता है। खैर जो असली समस्या है वो शादी के बाद शुरू होती है, जिस पर समाज की निगाहें आकर टिक जाती हैं। वो है बच्चा, चलिए बच्चा भी हो गया! लेकिन अगर बच्चे के रूप लड़की हुई है तो आधे से ज्यादा समाज उसके खिलाफ खड़ा हो जाता है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं बढ़ जाती हैं जब बेटियां पैदा होते ही मार दी जाती हैं, या कहीं मंदिर, किसी चौराहे, किसी गली या किसी कूड़े के ढेर में मरने के लिए छोड़ दी जाती हैं।
आज की सच्चाई
आज का युवा बदल रहा है, जरूरत है तो बस इतनी की इस सोच को आगे बढ़ाने की। शादी जरूरी हो सकती है, लेकिन बच्चा भी जरूरी हो यह जरूरी तो नहीं! वैसे भी हमारे देश की जनसंख्या इतनी है कि आने वाले कई सौ सालों तक हमारा अस्तित्व समाप्त नहीं होने वाला है।
आज के समय में अगर पढ़ा लिखा युवा बिना शादी किए ही किसी बच्चे को पालने का फैसला करता है तो उसे भी समाज को स्वीकारना चाहिए। अगर शादी के बाद भी बिना अपना बच्चा पैदा किए किसी बेसहारे बच्चे को अच्छी जिंदगी देता है तो उसे भी समाज को कबूलना चाहिए। ऐसी है इस 2 मिनट के वीडियो की कहानी। यह वीडियो dnproductionindia के फेसबुक पेज से मिला। आप भी देखिए, इस वीडियो को और सोचिए क्या हम इस तरह का समाज नहीं बना सकते?
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