बेटी ने कराए मां के ‘हाथ पीले’, ऑनलाइन ढूंढ़कर लाई मां की हमजोली का दूल्हा
जयपुर के एक स्कूल में पढ़ाने वाली गीता के पति मुकेश गुप्ता की 2016 में हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह अपने पति की मौत का गम सहन नहीं कर सकीं और सदमे में चली गईं। इसी दौरान गीता की बेटी संहिता काम के सिलसिले में गुड़गांव आ गई। घर पर गीता अकेली थीं और अकेलेपन के चलते धीरे-धीरे वे डिप्रेशन में चली गईं। अकेलेपन की वजह से डिप्रेशन जाने की घटना ने बेटी संहिता को सबक दिया तथा मां का अकेलापन दूर करने का विचार भी आया। तभी उसने फैसला कर लिया कि अब मां को अकेला नहीं रखना है। मां के लिए एक पार्टनर खोजना ही होगा। संहिता का कहना है कि ‘व्यक्ति अपने पार्टनर से सब कुछ आसानी के साथ शेयर कर सकता है। इसलिए मैंने मां की शादी कराए जाने का निर्णय लिया।’
शादी की साइटों का संहिता ने लिया सहारा
मां के लिए लाइफ पार्टनर खोजने के लिए अगर वह समाज से कहती तो उसकी खुद हंसी का पात्र बनती। ऐसे में उसने समाज में मां के लिए पार्टनर खोजने से बेहतर ऑनलाइन का रास्ता चुना। और मां की एक प्रोफाइल बनाकर शादी की वर्तमान में चल रही साइटों पर डाली। उसने इस पूरे वाकिये को मां से भी नहीं बताया। कुछ महीने बाद जब संहिता अपने घर गयी तो उन्होंने अपनी मां से बताया तो वो हैरान रह गईं। इन बातों पर संहिता की बड़ी बहन भी इसके खिलाफ हो गई। लेकिन धीरे-धीरे बात बनी और सब साथ हो गए।
कुछ इस तरह से मिला मां को पार्टनर
हाईटेक होती दुनिया में सब कुछ बदल रहा है, तो लोगांे सोच भी बदल रही है। हर व्यक्ति पूरे जीवन अपने पार्टनर के साथ रहना चाहता है। जिस तरीके से संहिता ने अपनी मां का शादी की साइट पर प्रोफाइल डाला था। उसी प्रकार किसी ने अपनी उम्र की पत्नी के लिए शादी की साइटों पर प्रोफाइल डाला। अंततः खोजबीन के दौरान ही बीते साल अक्टूबर में बांसवाड़ा से 55 वर्षीय केजी गुप्ता ने शहर में ही अपनी हमउम्र की महिला पार्टनर खोज ली। केजी गुप्ता ने संहिता से संपर्क किया और शादी की इच्छा जताई। राजस्व इंस्पेक्टर के पद पर तैनात केजी गुप्ता की पत्नी का निधन कैंसर के चलते 2010 में हो गया था। गुप्ता ने बताया कि अकेलापन दूर करने के लिए पहले तो उन्होंने खुद को बैडमिंटन में व्यस्त रखने की कोशिश की थी। लेकिन अब स्वास्थ्य की भी समस्याएं पैदा होने लगी हैं। ऐसे में उन्होंने ने भी अपनी बातों को शेयर करने के लिए लाइफ पार्टनर चुनने का रास्ता अपनाया। केजी गुप्ता के भी दो बेटे हैं।
31 दिसम्बर को गीता व केजी गुप्ता हुए एक दूजे के
अक्टूबर से शुरु हुआ बातचीत का सिलसिला आखिर 31 दिसंबर को पूरी तरह से फाइनल हो गया। संहिता की मां गीता और केजी गुप्ता विवाह के पवित्र बंधन में अपने जीवन में दुबारा बंध गए। संहिता ने इस शादी पर कहा, ‘वह अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान देखकर बहुत खुश है। वह फिर से खूबसूरत दिखने लगीं हैं।’ संहिता ने जिस तरीके से अपने मां के चेहरे पर खुशी लाई है उसके लिए उसे भी बहुत मेहनत करनी पड़ी। मां के लिए केजी गुप्ता सही रहेंगे या फिर नहीं उसके लिए संहिता ने पूरी छानबीन की। केजी गुप्ता का पूरा रिकार्ड खंगाला। अंततः जब नवंबर में गीता की मां संहिता ने ऑपरेशन कराया था, इस दौरान केजी गुप्ता उन्हें देखने के लिए जयपुर आए और गीता को शादी के तैयार किया। तब जाकर संहिता ने मां की शादी की तिथि रखी थी।
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