इस किसान ने किया कमाल, लिम्का बुक में शामिल हुआ नाम
जहां मुनाफा कम बताकर एक ओर किसान खेती छोड़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कई किसान ऐसे भी हैं जो अपनी मेहनत और लगन के कारण खेती में नए आयाम गढ़ रहे हैं। ऐसे ही किसानों में शामिल हैं राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले 70 साल के जगदीश प्रसाद।
जगदीश प्रसाद पारीक 1970 से खेती कर रहे हैं। उनका कहना हैं कि वो वर्षों से पारंपरिक खेती कर रहे हैं। इसके अलावा वो अनार, बेल, गुलाव व नींबू जैसे मौसली फलों व फूलों की भी खेती करते हैं। जगदीश प्रसाद के खेती करने की एक और खासियत है कि वो खुद ही उर्वरक व खाद आदि बनाकर खेतों में इस्तेमाल करते हैं। हाल ही में, उनकी गोभी की खेती के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में शामिल किया गया है।
जगदीश की खेतों की गोभी को सीधे होटलों में बेंचा जाता है क्योंकि इनकी क्वालिटी बाकी गोभी के मुकाबले ज्यादा अच्छी होती हैं। जगदीश के गाँव का नाम अजीतगढ़ है और इसी के कारण इनकी गोभी का नाम अजीतगढ़ सलेक्शन हो गया है। इस गोभी की एक और खासियत ये है कि इसे गर्म तापमान में भी उगाया जा सकता है। इसके साथ ही इसमें बीमारी व कीट लगने की संभावना कम होती है।
गिनीज़ बुक में दर्ज कराना चाहते हैं नाम
जगदीश प्रसाद ने बताया कि गिनीज़ बुक के हिसाब से अब तक 27.5 किलोग्राम की गोभी का रिकॉर्ड है और मेरी अब तक की उपलब्धि 25.5 किलोग्राम की है। इसके अलावा इस फूलगोभी को साल में तीन बार उगाया जा सकता है। जगदीश पिछले 28 साल से यह गोभी उगा रहे हैं और उन्हें 2001 में इसके लिए ग्रासरूट्स इनोवेशन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है। जगदीश यहीं रूकने वालों में नहीं हैं अब उनका लक्ष्य गिनीज़ बुक में रिकॉर्ड बनाने पर है।
ये भी पढ़ें: अफीम उगाना छोड़ इस खेती से लाखों कमा रहीं झारखंड की महिलाएं
राजस्थान समेत कई राज्यों में है मांग
पिछले साल जगदीश प्रसाद ने फूलगोभी के 1 क्विंटल बीज बेचे थे। अच्छी उत्पादकता देखकर राजस्थान के अलावा गुजरात व महाराष्ट्र में भी इस बीज की काफी मांग है। वहीं जयपुर के कृषि अनुसंधान केन्द्र ने इस बीज की जांच कर अपनी रिपोर्ट में इसे आठ अन्य किस्मों के मुकाबले सबसे बेहतर बताया है। जगदीश प्रसाद ने इस बीज से पैदा गोभी पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणव मुखर्जी तथा भूतपूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा आदि को भेंट की है।
ये भी पढ़ें: इंजीनियर ने शुरू की मोती की खेती, अब लाखों में है कमाई
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...