मेरठ शहर की आबोहवा को 'शुद्ध' करने में जुटा क्लब-60, ये कर रहा काम
नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद लोग अपने घर को अधिक से अधिक समय देना पसंद करते हैं। ज्यादा से ज्यादा समय परिवार के साथ ही बिताना चाहते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में 60 वर्ष साल से ऊपर वाले बुजुर्ग जो काम कर रहे हैं यह ऐसे लोगों के लिए एक नजीर है। जी हां मेरठ शहर को प्रदूषण से मुक्त बनाने का क्लब-60 काम कर रहा है। मेरठ शहर की आबोहवा को शुद्ध बनाने के लिए उनकी तरफ से निरतंर प्रयास किए जा रहे हैं। अपने प्रयासों की वजह से ही आज मेरठ में क्लब-60 चर्चा का विषय बना हुआ है। पर्यावरण बचाने को लेकर इस क्लब की ओर से किए जा रहे काम पर नगर मंत्री से लेकर नगर निगम तक सम्मानित कर चुका है। यह क्लब रोजाना नई-नई मिसाल कायम कर रहा है।
पॉलीथिन मुक्त हुआ पूरा मोहल्ला
क्लब-60 प्रत्येक घर में कंपोस्टिंग कराने में कामयाब होता नजर आ रहा है। मेरठ शहर के शास्त्रीनगर मोहल्ले के एक और जे को क्लब ने 10 दिसंबर को कचरा और पॉलीथिन मुक्त घोषित कर दिया। यहां के 100 घरों में कपड़े के बैग वितरित किए गए और पॉलीथिन का प्रयोग न करने का संकल्प क्लब-60 ने दिलाया। क्लब 60 ने शास्त्रीनगर के एच और जे ब्लाक को कचरा और पॉलीथिन मुक्त करने का संकल्प लिया है। क्लब के सदस्यों ने सबसे पहले प्रत्येक घर में व्यक्तिगत कूड़ा कंपोस्टिंग यूनिट स्थापित कराई। जिससे की कचरा से मुक्त किया जा सकें। अब यहां के 100 परिवारों का कूड़ा घरों के बाहर नहीं आ रहा है। सभी लोग अपने घर में ही कूड़े को कंपोस्ट कर रहे हैं। क्लब के संचालक हरि बिश्नोई की माने तो कॉलोनी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हर प्रकार के कचरे के निस्तारण का तरीका भी निर्धारित कर लिया है।
जिससे की मोहल्ले को प्रदूषण से मुक्त किया जा सकें। उन्होंने बताया कि रसोई से निकलने वाले कचरे की हर घर में कम्पोस्टिंग से कूड़ा 90 फीसद तक घटा है। इसके अलावा सफाई करने पर निकलने वाली धूल-मिट्टी को गमलों और क्यारी में डाला जा रहा है। इमारती मलबे को जहां पर गड्ढे है वहां पर भरवा दिया जा रहा है। यही नहीं रद्दी, गत्ता व धातु कबाड़ी को दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि घर से जो भी प्लास्टिक निकलती है उसे निगम की कूड़ा गाड़ी में डाल दी जाती है।
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क्लब-60 ने बनाई पहली कंपोस्टिंग सोसायटी
सफाई का बीड़ा उठाने वाले क्लब-60 को सबसे पहले सफलता जब मिली थी जब मोहल्ले के 100 घरों को कंपोस्टिंग स्थापित कराया गया। एक तरफ भले ही मेरठ शहर में कूड़ा एक चुनौती हो, लेकिन यहां शास्त्री नगर मोहल्ले में अब व्यवस्था बेहतर कर दी गई है। मोहल्ले में प्रत्येक घर से निकलने वाले कूड़े का वहीं पर निस्तारण करके उससे खाद बनाया जा रहा है। कंपोस्टिंग सोसाइटी की घोषणा नगर निमग आयुक्त अमित सिंह कर चुके हैं।
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यह भी काम कर रहा ये क्लब
पर्यावरण की रक्षा के लिए उनके द्वारा उठाएं जाने वाले कदमों के अलावा समाजसेवा में भी ये क्लब काफी सक्रिय रहता है। यह क्लब युवाओं को पढ़ाने का काम करता है। योग, बागवानी सहित अन्य शिक्षण गतिविधियों में अपनी सहभागिता दिखा रहा है। क्लब के संचालक हरि विश्नोई ने द लॉजिकल इंडिया को बताया कि क्लब सिर्फ एक लोगों की शुरूआत किए जाने वाले क्लब में इस समय 70 लोग है। यह लोग समाज को आगे बढ़ाने में हर तरह के कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम लोग गरीब कन्याओं की शादी में भी हमारा क्लब काम करता है। हम लोग कार्बनिक खेती पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। भविष्य में हम लोगों की योजना रॉक गार्डन जैसा एक पार्क मेरठ में भी बनाने का हैं। हरि विश्नोई ने बताया कि हम लोग इसके लिए प्लास्टिक एकत्रित कर रहे हैं और अवशिष्ट पदार्थ को मिलाकर भविष्य में ऐसा पार्क बनाएंगे।
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क्लब के कामों की सराहना
क्लब के कामों की सराहना न सिर्फ नगर निगम बल्कि नगर मंत्री भी कर रहे चुके हैं। जिस तरीके से क्लब-60 काम कर रहा है। वह वास्तव में एक मिसाल है। क्लब 60 ने सबसे पहले श्रमदान करके अपने मोहल्ले के एच ब्लाक के टैगोर पार्क का कायाकल्प किया। इसके बाद वहां पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, ड्रिप इरीगेशन के साथ कंपोस्टिंग यूनिट भी स्थापित की गई। पार्क में तमाम तरह के हर्बल पौधे, पक्षियों के लिए घोंसले बनाएं गए है। यही नहीं क्लब अनाथ बच्चों की शिक्षा का जिम्मा भी उठाएं हुए है और दिन-रात स्वच्छता के प्रयास में जुटा हुआ हैं।
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