कौशाम्बी डीएम ने पेश की ये नजीर, हर कहीं हो रही तारीफ

सरकार लाख प्रयास करे, लेकिन सरकारी अस्पतालों व स्कूलों की दशा सुधरने का नाम नहीं लेती। यही कारण है कि एक बड़ा वर्ग सरकारी अस्पतालों के बजाय इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों का रुख करता है। वहीं सरकारी स्कूल तो केवल गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वाले वर्ग के बच्चों की पढ़ाई के केंद्र बनकर रह गए हैं। शायद ही कभी आपने सुना हो कि अमीर घर के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने जाते हों, या ऐसे वर्ग के लोग सरकारी अस्पतालों की लाइनों में खड़े मिलते हों। इसके उलट कौशाम्बी के जिलाधिकारी ने एक ऐसी नजीर पेश की है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। उन्होंने अपनी पत्नी का प्रसव सरकारी अस्पताल में कराकर लोगों को इसके प्रति प्रोत्साहित करने का कार्य किया है।
सरकारी अस्पताल में पत्नी का कराया प्रसव
आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने ऐसा प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया है। उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी अंकिता राज का प्रसव मंझनपुर के जिला अस्पताल में कराया है। जहां उनकी पत्नी ने बेटी को जन्म दिया है। ऐसा बताया जा रहा है कि ये कौशाम्बी का पहला मामला है जहां किसी आईएएस अधिकारी ने अपनी पत्नी का प्रसव सरकारी अस्पताल में कराया हो। अस्पताल के अनुसार जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। बताते चलें कि प्रदेश सरकार जिला अस्पतालों में प्रसव और सरकारी स्कूलों में दाखिले को लेकर काफी सजग है, इसके लिए सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने बच्चों का प्रसव व स्कूल में दाखिला कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी के चलते मनीष ने अपने बच्चे का प्रसव सरकारी अस्पताल में कराया है। उनका मानना है कि ऐसा करने से लोगों में सरकारी अस्पतालों के प्रति भरोसा बढ़ेगा।
हाई कोर्ट भी दे चुका है आदेश
हाई कोर्ट भी 2015 में एक आदेश दे चुका है कि यूपी के सभी जनप्रतिनिधियों, सरकारी अफसरों और कर्मचारियों और जजों को अपने बच्चों को सरकारी प्राइमरी स्कूलों (प्राथमिक विद्यालयों) में पढ़ाना होगा। हाईकोर्ट के मुताबिक, यदि सरकारी कर्मचारियों ने अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ाया तो उन्हें फीस के बराबर की रकम हर महीने सरकारी खजाने में जमा करानी होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों का इंक्रीमेंट और प्रमोशन कुछ वक्त के लिए रोकने की व्यवस्था की जाए।
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