सेना में भर्ती होने आए कश्मीरी युवा ने कहा, देश सेवा है सबसे बड़ा फर्ज

पुलवामा हमले के बाद देश में दुख और गुस्से का माहौल है लेकिन कई लोग इस दुख के समय में भी नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगातार कश्मीरियों के बहिष्कार की बात हो रही है। कश्मीरी व्यापारियों और छात्रों को भी इसकी भरपाई करनी पड़ रही है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में सेना की 111 पदों के लिए हो रही भर्ती में शामिल होने कश्मीर के युवाओं को देखकर उनकी देशभक्ति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इन्हीं युवाओं में शामिल बिलाल अहमद का कहना है, 'हमें यहां पर परिवार को बचाने और देश की सेवा करने का मौका मिलेगा, किसी को इससे ज्यादा चाहिए'?
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पुलवामा हमले के बाद पूरे देश के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जगह-जगह रैलियां निकाली जा रही हैं। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही फेक न्यूज आगे में घी डालने का काम कर रही है। कई जगह से कश्मीर के लोगों के साथ मारपीट की भी खबरें सामने आ रही हैं, जिसको देखते हुए सीआरपीएफ को भी हेल्पलाइन नंबर शुरू करना पड़ा कि अगर किसी कश्मीरी को कोई परेशानी होती है तो वो मदद ले सकता है। कश्मीरी छात्र अपने-अपने घरों को वापस लौट रहे हैं। उत्तराखंड की राजधानी में पढ़ने वाले कुछ कश्मीरी युवकों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ बदसलूकी की गई और उनके मकान मालिकों ने उन्हें मकान खाली करने के लिए भी कहा क्योंकि उन्हें डर था कि छात्रों की वजह से उनकी संपत्ति पर हमला किया जाएगा
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