जवान ने शादी में 11 लाख रुपए दहेज लेने से इनकार कर पेश की मिसाल

दहेज की वजह से अक्सर शादियां टूटने, बारात लौटने की खबरें आपने सुनी होंगी लेकिन जयपुर का ये केस बिल्कुल अलग है। यहां के एक बीएसएफ जवान ने शादी में दहेज मिल रहे 11 लाख रुपए कैश को लेने से मना कर दिया। ये दहेज प्रथा के खिलाफ एक मिसाल है।
जयपुर के अम्बा बारी इलाके में रहने वाले जवान जितेन्द्र सिंह ने दहेज की जगह दुल्हन के माता-पिता से शगुन के रूप में सिर्फ एक नारियल स्वीकार किया। जितेंद्र सिंह को शादी में उन्हें दी जाने वाली नगदी के बारे में जानकारी पहले से कोई जानकारी नहीं थी। दुल्हन के घर वालों ने जब जितेंद्र को नाराज़ देखा तो उन्हें लगा कि कोई कमी रह गई लेकिन जब उन्हें असली कारण पता चला, तो उनकी आंखों में ख़ुशी के आंसू छलक आए। परिवार के लोगों को इस बात का अंदाजा लग गया था कि चंचल शेखावत को इससे अच्छा वर तो मिल ही नहीं सकता।
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दुल्हन चंचल शेखावत के पिता गोविंद सिंह शेखावत बताते हैं, ''शुरुआत में, मैं हैरान था। मुझे लगा दूल्हे का परिवार ज्यादा पैसा चाहते हैं या फिर वे हमारी द्वारा की गई व्यवस्था से खुश नहीं थे। बाद में, एहसास हुआ कि दूल्हा और उसका परिवार दहेज में दिए जा रहे पैसे के ख़िलाफ़ थे।''
तो वहीं दूसरी तरफ बीएसएफ के कांस्टेबल जितेंद्र सिंह ने कहते हैं, ''जिस दिन मुझे बताया गया कि मेरी पत्नी ने एलएलबी, एलएलएम किया है और पीएचडी कर रही है, मुझे लगा कि वह मेरे और मेरे परिवार लिए एक सही लड़की है। मैंने यही सोचकर शादी करने का फैसला किया था और दहेज न लेने का मन बनाया था। '' जितेंद्र ने आगे कहा, चंचल आरजेएस की तैयारी कर रही है, अगर वो मजिस्ट्रेट बन जाती है, तो ये हमारे परिवार के लिए धन की तुलना में ज्यादा मूल्यवान होगा।''
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