इस बहादुर बेटी ने मौत के मुंह में समा रहे अपने पिता की जान बचा ली
बेटियों को आज भी समाज का एक वर्ग बोझ समझता है। उनके जन्म पर अफसोस जताता है, लेकिन मीरजापुर की एक बेटी ने बीमार पिता के लिए कुछ ऐसा किया है, जिससे इस धारणा को बदलने में मदद मिलेगी। इस बहादुर बेटी ने जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे बीमार पिता को अपना लिवर डोनेट कर उन्हें नई जिंदगी दी है। पिता को लिवर डोनेट करने वाली वीणा मीडिया की चर्चा का केन्द्र बन चुकी हैं। उनकी खुद दो बेटियों हैं। वीणा के ससुराल पक्ष ने भी उसका हर कदम पर समर्थन किया है।
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पिता को दी गई थी लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह
मीरजापुर जिले के जमालपुर थानाक्षेत्र के बहुआर गांव के रहने वाले पूर्व प्रधान रविप्रकाश त्रिपाठी की तबीयत खराब चल रही थी, जिसके चलते उन्होंने वाराणसी के एक अस्पताल में अपने कुछ टेस्ट कराए थे। जिसमें पता कि चला कि उन्हें लिवर की गंभीर बीमारी है। अगर उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट नहीं किया गया तो उनकी जान बचाना मुश्किल हो जाएगा। वाराणसी में डॉक्टर्स ने परिजन को मेदांता गुड़गांव या एम्स के अस्पताल में ले जाने की सलाह दी थी। मेदांता पहुंचने पर डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लाट करने की बात कही।
बेटों ने लिवर डोनेशन से किया इंकार
लिवर ट्रांसप्लांट करने के लिए डॉक्टर्स ने एक डोनर की आवश्यकता जताई थी। रविप्रकाश के बेटों को जब लिवर देने के लिए पूछा गया तो उन्होंने मना कर दिया। जिसके बाद उनकी बेटी वीणा सामने आई। वीणा की शादी मीरजापुर के कंचनपुर के मनीष उपाध्याय से हुई है। इस बारे में वीणा ने अपने पति व परिवार के सामने अपनी बात रखी। वीणा ने उन्हें बताया कि वह अपने पिता को लिवर देना चाहती हैं। यह सुनकर वीणा के ससुराल वाले चिंतित जरूर हुए, लेकिन बाद में उन्होंने इसके लिए हामी भर दी। इस कार्य के लिए वीणा के पति व ससुर खुद उसे लेकर मेदांता गुड़गांव अस्पताल पहुंच गए।
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मुस्कराते हुए ऑपरेशन थियेटर गईं वीणा
इस बारे में वीणा के ससुर श्रीनीति उपाध्याय ने बताया कि उनकी बहू बहुत ही बहादुर है। उसने इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले एक पल भी नहीं सोचा। श्रीनीति बनाते हैं कि उनकी बहू ऑपरेशन थियेटर जाने से पहले मुस्कुरा रही थी। वह ऑपरेशन के लिए उनके पैर छूकर गई थी। वीणा के लिवर डोनेट करने के बाद पहली जुलाई को मेदांता में 11 घंटे चले आपरेशन के बाद उनके पिता को लिवर सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर दिया गया। पिता के साथ वीणा इस समय मेदांता अस्पताल में हैं। लीवर ट्रांसप्लांट के बाद दोनों स्वस्थ्य हो रहे हैं। वीणा के इस निर्णय की सभी जगह चर्चा हो रही है। सभी इस बहादुर बेटी की तारीफ कर रहे हैं।
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