आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों का करिश्मा, गाजर से पैदा कर दी लेजर लाइट

आइआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों ने करिश्मा कर दिखाया है, उन्होंने गाजर से लेजर लाइट पैदा करने में सफलता हासिल कर ली है।
आइआईटी मद्रास ने एक रिलीज में बताया है कि फीजिक्स विभाग के प्रोफेसर सी विजयन और सहायक प्रोफेसर शिवराम कृष्णन और पीएचडी स्कॉलर वेंकट शिव गुमालूरी की रिसर्च टीम ने की वजह से ये संभव हो पाया है।
रिसर्च टीम ने प्रयोग करके बताया कि बायोकंपेटिबल लेजर पैदा करने के लिए गाजर सही माध्यम हो सकता है। इस प्रयोग में प्रोसेस्ड गाजर पर ब्लू लेजर डाला गया तो प्रकाश कई रंगों में बंट गया। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ग्रीन मैटेरियल्स के इस्तेमाल से फोटोनिक तकनीकी विकसित की जा सकती है। अभी तक बायोलॉजिकल मटीरियल्स का इस्तेमाल कर लेजर लाइट पैदा नहीं की गई थी। यह प्रणाली पूरी तरह से प्राकृतिक और जैव अनुकूल है जिसे दूसरी जैव-तकनीकों और प्रक्रियाओं के साथ उपयोग किया जा सकता है।
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गाजर में कैरोटीनॉयड के अलावा सेल्युलोज फाइबर भी होता है जो फोटोन को फैलाने में मदद करता है। इस किचन लेजर को तापमान सेंसिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह तापमान के खिलाफ अच्छा और एक समान रिस्पांस करती है। आज के समय में हरित फोटोनिक तकनीक की ज्जयादा जरुरत है। लेजर में एक दिशा और तेजी होती है और यह संचार, लिथोग्राफी, चिकित्सा, सैन्य संचालन, वैज्ञानिक अनुसंधान, इंजीनियरिंग, डिस्प्ले और डेटा स्टोरेज जैसे विभिन्न उत्पादों और तकनीक के लिए ये जरूरी है।
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