छोटी उम्र में बड़ा कमाल, ब्रेकथ्रू जूनियर चैलेंज जीतकर बेंगलुरु के समय ने रचा इतिहास
बेंगलुरु के रहने वाले समय गोदिका ने महज 16 साल की उम्र में 'ब्रेकथ्रू जूनियर चैलेंज' जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने अमेरिका के चर्चित 4 लाख डॉलर (2.9 करोड़) भारत का मान बढ़ाया है। प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे गोदिका ने चौथी वार्षिक प्रतियोगिता में सफलता हासिल की है। गोदिका ने लाइफ साइंस श्रेणी में अपना वीडियो बनाया था।
उन्होंने सर्केडियन रिदम पर वीडियो बनाई थी। जिसमें उन्होंने 24 घंटे में होने वाली दैनिक क्रिया में शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक परिवर्तन होते हैं। समय गोदिका ने कहा कि प्रतियोगिता में हिस्सा लेना और उसके बाद 'ब्रेकथ्रू जूनियर चैलेंज' में जीतना मेरे लिए एक अलग तरह का अनुभव है। उन्होंने कहा कि हमारा स्कूल विज्ञान केंद्रित है और मेरी नींव स्कूल से ही मजबूत हुई। जिसका नतीजा रहा कि मैं विज्ञान की विश्वस्तरीय प्रतियोगिता में भी अव्वल रहा। समय गोदिका बेंगलुरू के कोरमंगला स्थित 'नेशनल पब्लिक स्कूल' में पढ़ते हैं।
8000 छात्रों में समय गोदिका आए अव्वल
समय गोदिका ने जिस प्रतियोगिता में सफलता हासिल की है। उसमें 8000 बच्चों ने प्रतिभाग किया था। अंतिम फाइनल में 13 प्रतियोगियों को हराकर समय ने अमेरिका में भारत का झंडा बुलंद किया। बता दें कि ब्रैकथ्रू प्राइज जूनियर चैलेंज 13 साल से 18 साल तक के बच्चों की एक ग्लोबल प्रतियोगिता है। जिसमें प्रतिभाग करने वाले बच्चों से लाइफ साइंस, फिजिक्स और गणित पर रिसर्च करने के वीडियो मांगे जाते हैं। इसके बाद चैलेंज में क्रिएटिविटी के आधार पर ही प्रतियोगियों का चयन किया जाता है। यही नहीं अंतिम चयन के लिए पब्लिक वोट भी लिए जाते हैं। जिनके आधार पर ही प्रतियोगियों का अंतिम रूप से चयन किया जाता है। समय ने इन सब में बाजी मार ली और अब समय गोदिका को 4,00,000 अमेरिकी डॉलर इनाम में दिया जाएगा। बता दें कि इस ईनामी राशि में समय को सिर्फ 1.8 करोड़ रुपये मिलेंगे मिलेंगे। वहीं कक्षा 9 और कक्षा 10 के साइंस टीचर्स प्रमिला मेनन को 36 लाख और आर्ट साइंस लैब को 72 लाख रुपये दिए जाएंगे।
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