इन 25 बच्चों को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार, हर बच्चे की है खास कहानी

भारत वीरों का देश है! ये कोई कहावत नहीं बल्कि सबसे बड़ी सच्चाई है। यही नहीं आदिकाल से भारत के बच्चों की वीरता की कहानी हम पढ़ते आए हैं। आज भी इस तरह के बच्चे हैं जो आने वाली पीढ़ी के लिए नई मिसालें बनाते जा रहे हैं। हर साल इस तरह के बच्चों को चुन कर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिया जाता है।
इसी क्रम में 2017 के लिए भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से 25 बच्चों का चयन किया गया है। इन बच्चों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को सम्मानित करेंगे।
4 बच्चों को मरणोपरांत मिलेगा सम्मान
भारत अवॉर्ड
अरुणाचल प्रदेश के आठ वर्षीय तारह पेजू को दिया जाएगा, जिसने अपने दो दोस्तों को डूबने से बचाने के प्रयास में अपनी जान दे दी। मिजोरम के रोलुआहपुई व लालहरियतपुई तथा छत्तीसगढ़ के तुषार वर्मा को मरणोपरांत बापू गैधानी अवॉर्ड दिया जाएगा। रोलुआहपुई ने अपनी जान कुर्बान कर दो लड़कियों को डूबने से बचाया था, वहीं लालहरियतपुई ने अपने चचेरे भाई को कार दुर्घटना से बचाने में अपनी जान दे दी। तुषार ने पड़ोसी की झोपड़ी के जलने से बचाने के प्रयास में अपने प्राणों की आहूति दे दी।
गीता चोपड़ा अवॉर्ड
पश्चिम बंगाल की 18 वर्षीय तेजस्विता प्रधान तथा 17 वर्षीय शिवानी गोंड को दिया जाएगा, जिन्होंने बिना किसी भय के पुलिस व गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद की, जिसकी बदौलत एक अंतर्राष्ट्रीय सेक्स रैकेट का न सिर्फ पर्दाफाश हुआ, बल्कि उसके सरगना को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
संजय चोपड़ा अवॉर्ड
उत्तराखंड के 15 वर्षीय सुमित मामगेन को चुना गया है, जिन्होंने अपने चचेरे भाई को बचाने के लिए एक चीते से भिड़ने में अदम्य साहस का परिचय दिया। आईसीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने बताया कि इन पुरस्कारों की शुरुआत उन बच्चों को पहचान प्रदान करने के लिए की गई है, जो अदम्य साहस का परिचय देते हैं और अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत बनते हैं। पुरस्कारों के लिए इन बच्चों का चयन एक उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा किया गया, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि, एनजीओ तथा आईसीसीडब्ल्यू के अधिकारी शामिल थे। गीता ने कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों को वित्तीय सहायता स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद मिलेगी।
बापू गैधानी अवॉर्ड
मिजोरम की रोलुआपुई (13) ने नदी से सहपाठी को निकाला, पर खुद भंवर में फंस गई थी। मरणोपरांत सम्मान दिया गया। छत्तीसगढ़ के तुषार वर्मा (15) को पशुशाला में लगी आग से पशुओं को बचाने के लिए पुरस्कार दिया गया।
बच्चे को नहर में डूबने से बचाया
पीतमपुरा गांव निवासी शमशेर सिंह और पूनम के दो बच्चे हैं- नमन (16) और कुलश्रेष्ठ (10)। दोनों 2015 में गर्मियों की छुट्टियों में मामा के घर सोनीपत गए हुए थे। बवाना नहर में स्नान के बाद वे कपड़े बदलने जा रहे थे, तभी कुलश्रेष्ठ ने एक बच्चे को नहर में डूबते देखा। विशाल (7) नाम के बच्चे की चप्पल नहर में गिर गई थी और उसे निकालने की चाह में वह धार में फंस गया। कुलश्रेष्ठ ने नमन को इस बारे में बताया तो नमन ने 12 फुट गहरी नहर में छलांग लगा दी। विशाल के कपड़े पकड़ कर नमन ने उसे बाहर निकाल लिया। बचपन से ही तैराकी कर रहे नमन को इसका गहरा शौक है। सरस्वती विहार के सर्वोदय विद्यालय के छात्र रहे नमन 12वीं पास करने के बाद इन दिनों नैशनल इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग सेंटर में हेल्थ ऐंड सैनिटरी इंस्पेक्टर का कोर्स कर रहे हैं।
भाई-बहन ने चोरों को पकड़ा
दिल्ली में मालवीय नगर निवासी कृष्ण और रश्मि जॉब करते हैं। दोनों 8 दिसंबर 2015 कभी नहीं भूल पाते। इस दिन उनकी बेटी अक्षिता शर्मा और बेटे अक्षित शर्मा स्कूल से घर पहुंचे तो घर का लोहे का दरवाजा खुला मिला, लेकिन लकड़ी का दरवाजा बंद था। बच्चों को यह असामान्य लगा तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई आवाज नहीं आई। रोशनदान से देखने पर पता चला कि अंदर चोर हैं। तभी चोर भागने लगे और दोनों बच्चों ने चोरों को जोर से पकड़ लिया और चिल्लाने लगे। शोर सुन पड़ोसी पहुंचे और चोरों को पकड़ लिया गया। अक्षिता और अक्षत का कहना है कि चोरों के पास हथियार था और उन्होंने इससे मारा भी था। पुरानी बातों को अलग रख अब अक्षिता सीए बनना चाहती हैं, जबकि अक्षित इंजीनियर।
बदमाशों के मंसूबों को नाकाम किया
लखनऊ में मणियांव स्थित भरतपुर निवासी शशिकांत पांडे और लल्ली पांडे की बेटी अंशिका पांडे (14) आम दिनों की तरह साइकल पर स्कूल जा रही थीं। घर से थोड़ी दूर पर एक एसयूवी चालक ने पता पूछने के बहाने अंशिका को रोका। अंशिका पता बताने लगी तो चालक ने कहा कि पीछे बैठे साहब को बता दीजिए। वह पीछे बैठ शख्स को पता बताने लगी तो उस शख्स ने अंशिका को कार में खींचने की कोशिश की। अंशिका ने अपने पैर दरवाजे में फंसा दिए। उस व्यक्ति ने पहले एक बोतल खोलने की कोशिश की, जिसमें शायद ऐसिड था। फिर इसमें सफल न होने पर पीछे बैठे शख्स ने चाकू से वार किया। अंशिका का हाथ जख्मी हो गया लेकिन वह मुकाबला करती रही। तभी अंशिका की एक सहेली आ गई, जिससे बदमाश भाग गया। डॉक्टर बनने की चाह रखने वाली अंशिका का मानना है कि इस तरह की स्थिति जिस भी लड़की के साथ हो, समाज उसकी आजादी न छीने।
किस राज्य के कितने बच्चे
इन बच्चों में से 1 अरुणाचल प्रदेश, 2 पश्चिम बंगाल, 1 उत्तराखंड, 2 मिजोरम, 2 छत्तीसगढ़, 1 राजस्थान, 1 ओडिशा, 1 कर्नाटक, 1 नागालैंड, 1 हिमाचल प्रदेश, 1 असम, 1 मणिपुर, 4 केरल, 1 उत्तर प्रदेश, 3 दिल्ली, 1 महाराष्ट्र और 1 जम्मू-कश्मीर के बच्चे हैं।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
