9 साल की उम्र में हो गई थी शादी, अब 14 साल की रश्मि ने इस तरह दिखाई हिम्मत

महज 14 साल की हस्ती खेलती उम्र में सुसराल पक्ष वालों द्वारा जबरन कराई जा रही विदाई के खिलाफ कक्षा 10 की छात्रा ने मोर्चा खोल दिया। जबरन हो रही विदाई पर पुलिस का फोन करके मदद मांगी और अपने को बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति में जाने बचा लिया।
मामला यूपी के फैजाबाद जिले के रतनपुर गांव का है। जहां रहने वाली 14 साल की रश्मि पुत्री बुधराम का विवाह परिवार वालों ने अपनी जिम्मेदारी से जल्द छुटकारा पाने के लिए महज 9 साल की उम्र में समगड़ा हंसराजपुर गांव के अनुज के साथ ही कर दिया था। अब जब वे 14 साल की हो गई, तो लड़के वालों ने उसे ले जाने का दवाब बनाया। लड़के वालों के बार-बार कहने पर शुक्रवार को बुधीराम अपनी बेटी को विदा करने के लिए राजी हुआ था।
रश्मि के मना करने के बाद भी उसको सुसराल वाले जबरन उसे ले जाने आए थे। इस पर रश्मि ने सूझ का परिचय देते हुए डॉयल-100 को फोन करके पूरी घटना बता दिया। उसके फोन करते ही महज चंद मिनट में उसके घर पर पुलिस पहुंच गई और सुसराल के लोगों को थाने ले लाई और पुलिस के समक्ष समझौता हुआ। पुलिस हस्तक्षेप व रश्मि द्वारा आवाज उठाने की वजह से वे सुसराल जाने से बच गई। पुलिस ने दोनों ही पक्षों का समझौता करा दिया तथा कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं।
अपने सपनों को पंख देना चाहती है रश्मि
अपने को बचान के लिए जिस तरीके से रश्मि ने कदम उठाए हैं, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। हंसती खेलती उसकी अभी गुलामी में बंधने से बच गई। रश्मि ने अपने को सुसराल में जाने से बचाने के लिए महज 10 मिनट के अंदर 3 तीन बार फोन करके अपने साथ होने जा रही घटना के खिलाफ आवाज उठाई। वे बार-बार फोन करके पुलिस वालों से यही कह रही थी आप ही मुझे बचा लीजिए। सुसराल जाने से बचने के बाद अब रश्मि का कहना है कि वह अब बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाएगी। बता दें कि रश्मि कक्षा 10 की छात्रा है। अभी और आगे पढ़ने की इच्छा है, लेकिन सुसराल वाले उसे अब जबरन ले जाने को तैयार थे। रश्मि के पिता लखनऊ में रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण उसने अपने बेटी की शादी महज 9 साल की उम्र में ही कर दी थी।
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