बदल रहा है समाज, रेप पीड़िता के बच्चे को गोद लेने के लिए बढ़े सैकड़ों हाथ
उस मां की होठों पर तब मुस्कान आ गई जब उसके अनचाहे बच्चे को गोद लेने के लिए पूरा समाज उसक घर की दहलीज पर पहुंच गया। कौन हिंदू, कौन मुसलमान, क्या गरीब, क्या अमीर सबने उस बच्चे को गोद लेने के लिए हाथ आगे बढ़ाया। ये इसलिए हुआ क्योंकि लोगों को पता चला कि बच्चे की मां अभी खुद बच्ची है साथ ही उसकी आर्थिक हालत भी ठीक नहीं है।
नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक यह मामला बरेली का है, जहां 14 साल की रेप पीड़िता ने अनचाहे बच्चे को जन्म दिया। क्योंकि कोर्ट ने अबॉर्शन की अनुमति नहीं दी। बच्चे की मां के माथे पर चिंता की लकीर थी कि वो इस छोटी उम्र और मुफलिसी में इस बच्चे को किस तरह पालेगी। लेकिन जब समाज ने अपनी जिम्मेदारी समझी तो पीड़ित मां के लब मुस्कुरा उठे।
इलाहबाद हाई कोर्ट में याचिका
खबरों के मुताबिक पीड़िता के पिता का कहना है कि वह अभी इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिए हैं कि बच्चा को किसे सौंपना है, क्योंकि वो इन सब से पहले ही इलाहबाद हाई कोर्ट में याचिका दे रखी है। इसलिए बच्चे के भविष्य का फैसला पहले हाई कोर्ट को करना है। इस घटनाक्रम के बीच लगभग 10 दंपतियों ने पीड़ित के पिता से इस मामले में मुलाकात की।
33 साल की सबा खान उनमें से एक हैं जिन्होंने बच्चे को अपनाने के लिए पीड़िता के पिता से मिलीं। उन्होंने बताया, 'मेरी एक 16 साल की बेटी है। हमें एक बेटा भी चाहिए क्योंकि शादी के बाद तो बेटी घर छोड़कर चली ही जाएगी। हम बच्चे की अच्छी तरह देख-रेख करेंगे।' बच्चे को गोद लेने की इच्छा रखने वाली एक और महिला सोनी शर्मा ने कहा, 'हमारा कोई बच्चा नहीं है। मैं बच्चे को गोद लेना चाहती हूं।'
इस पूरी घटनाक्रम के बाद से एक बात तो साफ हो गई है कि हमारे समाज में अभी भी नौतिकता की कमी नहीं हुई है। लोगों में आज भी संवेदना बची हुई है। लोग एक दूसरे की मदद के लिए आज भी संकोच नहीं करते हैं।
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