पांच साल पहले पढ़ाई छोड़ चुके इस छात्र को सिपाही ने दिखाई स्कूल की राह

एक बच्चे ने स्कूल की फीस नहीं भरी थी इसलिए प्रिंसिपल ने उसे स्कूल से निकला दिया। बरेली का रहने वाला ये 11 साल का बच्चा इस बात की शिकायत लेकर कोतवाली पहुंचा। इस बच्चे को 'फिरश्ते' के रूप में एक सिपाही मिल गया। पढ़ाई की खातिर कोतवाली में शिकायत करने आए छात्र के जज्बे को देकर सिपाही काफी प्रभावित हुआ। वह छात्र को लेकर स्कूल गया और बच्चे की फीस भरकर उसके सपनों को साकार करने में मदद की। सिपाही की इस दरियादिली की इस समय बरेली से लेकर सोशल मीडिया तक में पर चर्चा हो रही है।
यह वाकया बरेली कोतवाली का है। बांसमंडी में आयुवेर्दिक कॉलेज के पास रहने वाले 11 वर्षीय अमन के पिता खेमकरन की कुछ वर्ष पहले मौत हो गई है। पिता की मौत के बाद उसकी मां राम प्यारी भी बीमार रहने लगी। जिसकी वजह से घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया। घर में आय का जरिया न होने के कारण वह फीस नहीं भर पाया और स्कूल से उसका नाम कट गया। पिछले पांच साल से वह घर पर ही रहकर पढ़ाई कर रहा था। पढ़ाई में उसकी मदद उसके स्कूली छात्र करते थे।
स्कूली छात्रों द्वारा हौसला दिए जाने के कारण अमन राजकीय इंटर कालेज में कक्षा-7 में प्रवेश लेने पहुंचा। जहां उसको स्कूल वालों ने इतनी औपचारिकता बता दी वह निराश हो गया और इसकी शिकायत करने कोतवाली पहुंच गया। कोतवाली पहुंचे युवक ने पुलिस वालों के सामने अपना दुखड़ा रोया और बताया कि उसे किस तरह से स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। उसकी इसी समस्या व उसकी पढ़ाई की प्रति रुचि को देखकर सिपाही किशन काफी प्रभावित हुआ और वह अमन को साथ लेकर स्कूल गया। जहां पर सिपाही को अनेक प्रकार की औपचारिकताएं व फीस बता दी गईं। सिपाही किशन ने सारी औपचारिकताओं के साथ ही अमन की फीस भी भर दी। यही नहीं उसने अमन को किताबें, बैग व अन्य जरूरी सामान खरीदकर दिया ताकि उसे किसी तरह की दिक्कत न हो।
अमन का जैसे ही स्कूल दोबारा प्रवेश हुआ, वह खुशी से झूम उठा और उसने सिपाही को गले लगा लिया और बोला थैंक्यू अंकल। सिपाही द्वारा किए गए इस कार्य की पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है। यही नहीं उसकी मां भी बहुत खुश हैं और सिपाही किशन को दुआएं दे रही हैं कि उन्होंने उनके बच्चे का स्कूल में प्रवेश कराया।
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