पति की मौत भी नहीं डिगा सकी इस युवती का हौसला, सभी कर रहे तारीफ
अपनों को खोने का गम केवल वही समझ सकता है जिसने किसी अपने को खोया हो। परिवार की जिम्मेदारी संभालने वाले शख्स का अचानक चले जाना घर के सदस्यों के लिए किसी आपदा से कम नहीं होता। ऐसी ही दर्दविदारक घटना राजस्थान के बागीदौरा की रहने वाली स्वीटी रावल के साथ हुई। अपने पति को एक सड़क हादसे में खोने के बाद गहरी चिंता में डूबी स्वीटी परिवार की जिम्मेदारी निभाने परीक्षा देने पहुंच गईं। घर में छाए मातम के बीच स्वीटी को बखूबी पता था कि अब उन्हें ही अपने परिवार को संभालना है, इसलिए उन्होंने इस दु:ख की घड़ी में भी बीएड अंतिम वर्ष की परीक्षा देकर सभी का दिल जीत लिया।
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तीन दिन पहले हुई थी पति की मौत
स्वीटी के पति मनीष रावल 29 अप्रैल को विदेश से लौटकर घर आ रहे थे। तभी संतरामपुर के पास एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। इस बात की जानकारी घर के सदस्यों को हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। सारी खुशियां एक झटके में मातम में बदल चुकी थीं। स्वीटी की तो मानों दुनिया ही उजड चुकी थी। तीन दिन बाद स्वीटी की उदयपुर में बीएड अंतिम वर्ष की परीक्षा थी। स्वीटी और मनीष का 02 साल का एक बच्चा भी है।
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परिवार वालों ने समझाया
पति की मौत ने स्वीटी को बुरी तरह से तोड़कर रख दिया था। उसे अपने 02 साल के बच्चे का भविष्य भी अंधकार में लग रहा था। इस दुख की घड़ी में उसे परिवारवालों से समझाया और परीक्षा न छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने समझाया कि पढ़-लिखकर वह अपने परिवार का सहारा बन सकती है। इसलिए उसे परीक्षा देनी चाहिए। स्वीटी ने भी उनकी बात मानी और उदयपुर पहुंचकर परीक्षा दी। इस दौरान जिसने भी स्वीटी के बारे में सुना वह उसके जज्बे की तारीफ किए बिना नहीं रह पाया। स्वीटी का मानना है कि अगर उसकी पढ़ाई के चलते उसे कहीं नौकरी मिल जाती है तो यह उसके परिवार के लिए बहुत बड़ी होगी।
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पहले भी परिवार पर टूट चुका है दुखों का पहाड़
जिस सड़क पर दुर्घटना में स्वीटी के पति की मौत हुई थी। उसी सड़क पर मनीष के छोटे भाई शशिकांत भी हादसे का शिकार हो चुके हैं। एक सड़क दुर्घटना में उनका हाथ और पैर फ्रैक्चर हो चुके हैं। वह अभी बड़ौदा के एक अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं स्वीटी की ननद भी अपने परिवार के साथ अमेरिका जाने वाली थीं। उनके परिवार के कई सदस्य विदेश में नौकरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं।
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