संविदा के नियमों से उत्तर प्रदेश के युवाओं में उबाल, सरकार का हो रहा विरोध

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इन दिनों युवाओं में आक्रोश काफी देखा जा रहा है। यूपी सरकार (UP Government) की तरफ से भर्तियां न कराए जाने से सरकार के खिलाफ युवाओं (Youth) को इकबाल किया तो वहीं सरकार (Yogi Government) ने भी युवाओं (Youth) को सबक सिखाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में समूह ख (Group-B) और समूह ग (Group-C) की सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में नियमितकरण पांच साल के बाद ही होगा। उत्तर प्रदेश (Yogi Government) में भर्ती होने वाले युवाओं को पहले पांच साल तक संविदा (Five Year Contract) पर नौकरी करनी होगी। उनका हर छह महीने में मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें 60 प्रतिशत नंबर पाने अनिवार्य होंगे। ऐसे करके पांच साल में 12 बार युवाओं के काम का मूल्यांकन होगा फिर पांच साल के बाद में उन्हें नियमित कर दिया जाएगा। सरकार (Yogi Government) की तरफ से ऐसे नियमों के बदलने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। वहीं, इस नियम के विरोध में युवा (Youth) से लेकर विपक्ष भी आ गया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार युवाओं का हम मारने का काम कर रही है तो वहीं सरकार (Yogi Government) का पक्ष है कि इससे कर्मचारियों की गुणवत्ता बढ़ेगी यही नहीं, इससे राष्ट्र्रप्रेम भी भावना जाग्रत होगी और सरकार पर आर्थिकभार भी कम करेगा। 

आखिर क्या है नया प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश की सरकार (Yogi Government)सरकारी नौकरियों (Jobs) में जो नया सिस्टम लाने पर विचार कर रही है वह युवाओं (Youth) के लिए किसी खतरे से कम नहीं होगा। युवाओं का आरोप है कि अधिकारी उनका शोषण करेंगे और अपने मुताबिक काम कराएंगे। उन्हें अपनी नौकरी (Jobs) की चिंता रहेगी और वह अच्छे से काम भी नहीं कर पाएंगे। वहीं, महिलाओं का भी कहना है कि उनका शोषण अन्य तरीके से भी किया जा सकता है। हमेशा नौकरी जाने का मन में डर भी बना रहेगा, इससे अच्छा यह रहेगा कि हम लोग प्राइवेट सेक्टर (Private Sector Jobs) में नौकरी क्यों न कर लें।

उत्तर प्रदेश सरकार (Yogi Government) की तरफ से होने वाली नियुक्तियों में सरकार जिस प्रस्ताव पर विचार कर रही है उसमें सरकारी नौकरी के पहले पांच साल कर्मचारियों को संविदा (Five Year Contract) पर नियुक्त करने का प्रावधान है। अगर पहले पांच वर्ष नए नियुक्त कर्मचारी संविदा (Five Year Contract) के आधार पर काम करेंगे और हर 6 महीने में उनका असेसमेंट किया जाएगा।

यही नहीं, कर्मचारियों की असेसमेंट के लिए एक परीक्षा भी कराई जा सकती है, जिसमें न्यूनतम 60 फीसदी अंक पाना जरूरी होगा। कार्मिक विभाग का कहना है कि इस परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले लोग सेवाओं से बाहर कर दिए जाएंगे।

वहीं, नए प्रस्ताव के अनुसार, संविदा की पांच वर्षों (Five Year Contract) की नियुक्ति के दौरान कर्मचारियों को सरकार किसी भी तरह का सर्विस बेनिफिट नहीं देगी। इस पक्ष में सरकार का तर्क है कि नई व्यवस्था के होने से शासन पर वेतन का बोझ कम होगा और कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी। इसके अलावा गवर्नेंस और मजबूत होगा, जिसका लाभ आम लोगों को ही अच्छी तरह से मिलेगा।

गुजरात में लागू है ऐसा सिस्टम

उत्तर प्रदेश सरकार (Yogi Government) अब गुजरात सरकार (Gujrat Government) के मॉडल पर ही काम करने जा रही है। सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में वहां पर गुजरात के सीएम (Gujrat CM) रहने के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने यह सिस्टम लागू किया था। इस सिस्टम फिक्स पे सिस्टम कहते हैं। इसके मुताबिक कर्मियों को कई साल तक काम करना होता है। वहां पर यह व्यवस्था पुलिस से लेकर शिक्षक की भर्ती में भी लागू है। इस दौरान उनकी सैलरी नहीं बढ़ती और न परमानेंट होते हैं।

गुजरात में इस सिस्टम के तहत चार लाख कर्मचारियों को फिक्स सिस्टम के तहत भर्ती किया गया था। 14 साल तक बिना वेतन वृद्धि के हजारों कर्मचारी काम करते रहे। इस दौरान सरकार (Gujrat Government) की तरफ से सिर्फ मामूली वृद्धि हुई की गई। 

यहां से मामला जब गुजरात हाईकोर्ट (Gujrat High Court) में पहुंचा तो वर्ष 2012 में कोर्ट ने फिक्स पे सिस्टम को गैर कानूनी घोषित कर दिया। कोर्ट ने कहा इन्हें स्थायी सेवा के सहयोगियों के बराबर वेतन मिलना चाहिए और जब से सेवा में आए हैं उसे जोड़ कर दिया जाए। यही नहीं, यह केस सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गया। यहां पर गुजरात सरकार (Gujrat Government) की तरफ से चुनौती दी गई।

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि अगर आप इन्हें समान वेतन नहीं दे सकते तो खुद को दिवालिया घोषित कर दें। 7 दिसंबर 2016 को अहमदाबाद मिरर में इस फैसले की खबर भी छपी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुजरात सरकार (Gujrat Government) के सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट (Gujrat High Court) के फैसले के हिसाब से कर्मचारियों को वेतन दिया गया तो सरकार को 8000 करोड़ खर्च करने पड़ेंगे। यही नहीं, गुजरात सरकार (Gujrat Government) का यह भी दावा था कि नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्थियों ने फिक्स पे सिस्टम के तहत काम करने के लिए शपथपत्र भी दिया है। उस समय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) नाराज भी हो गया था। 

विपक्ष भी हुआ हावी कहा तानाशाह

उत्तर प्रदेश (Yogi Government) की समूह ख (Group-B) और समूह ग (Group-C) की सरकारी नौकरियों को लेकर लाए गए प्रस्ताव पर हंगामा शुरू हो गया है। प्रतियोगी छात्र जहां प्रयागराज से लेकर लखनऊ और जिला मुख्यालय तक में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी नेता योगी सरकार (Yogi Government) को तानाशाह तक करार दे रहे हैं। इस प्रस्ताव के पीछे सरकार की भी अपनी दलीलें हैं। वहीं विपक्ष कह रहा है कि तानाशाह तरीके का रवैया अपनाते हुए सरकार (Yogi Government) काम कर रही हे। इस मुद्दे का विरोध करते हुए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘युवा नौकरी की मांग करते हैं और यूपी सरकार (Yogi Government) भर्तियों को 5 साल के लिए संविदा (Five Year Contract) पर रखने का प्रस्ताव ला देती है। ये जले पर नमक छिड़ककर युवाओं को चुनौती दी जा रही है। गुजरात में यही फिक्स पे सिस्टम है। वर्षों सैलरी नहीं बढ़ती, परमानेंट नहीं करते। युवाओं का आत्मसम्मान नहीं छीनने देंगे।’ आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘देश के युवाओं जाग जाओ तुम्हारी बर्बादी की कहानी बीजेपी ने लिख दी है तुमको धर्म का नशा देकर रोजगार व सरकारी नौकरी सब छीन ली और तुमको बिना तनख्वाह के ताली-थाली बजाने में लगा दिया।’

कभी भाजपा सरकार (Yogi Government) के सहयोगी रहे सुप्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakesh Rajbhar) ने ट्वीट कर कहा, ‘उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की नई व्यवस्था लागू करने की यह सोच “तानाशाही भरा कदम” है। पिछड़े, दलित,वंचित वर्गों के युवाओं को पुनः गुलामी, शोषण की ओर धकेलने का नया तरीका है। पहले से विभिन्न विभागों में स्थापित अफसरों की मनमानी बढ़ेगी। युवाओं पर अत्याचार बढ़ेगा।’ राजभर  (Om Prakesh Rajbhar) इस नियम की यहीं पर आलोचना करते हुए नहीं थके उन्होंने अपने अगले ट्वीट में कहा, ‘सरकार (Yogi Government) के नए नियमों से इन वर्गों के कर्मचारियों का शोषण होगा, उनके साथ अत्याचार होगा। पहले से ऐसे कई नियम-कानून है, जिसमें भ्रष्टाचार शोषण अत्याचार देखने को मिला है। योगी सरकार (Yogi Government) देशभक्ति की आड़ में युवाओं को गुमराह करने में लगी है जबकि योगी सरकार (Yogi Government) पूर्व में अटकी हुई भर्तियों को अब तक पूरा नहीं कर पाई। और नई नीति बनाकर मनमाने ढंग से नौकरी में ठेकेदारी प्रथा प्रारम्भ कर युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने की योजना बना ली है।’ 

अखिलेश यादव ने कहा सत्ता में आते ही बदल देंगे नियम

यूपी सरकार (Yogi Government) के प्रस्ताव पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी प्रहार किया और युवाओं से कहा कि आप लोग चिंता मत कीजिए 2022 में सत्ता में आते ही कैबिनेट की पहली बैठक में इस नियम को हटा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा है कि भाजपा (BJP) केवल अपने राजनीतिक विस्तार और सत्ता पर एकाधिकार को ही विकास मानती है। जबकि यह भ्रम है जनता सब समझ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार (Yogi Government) को भ्रम होने की वजह से ही प्रदेश में विकास कार्य अवरुद्ध हैं और युवाओं के प्रति तो उसका रवैया शुरू से ही संवेदनाशून्य रहा है। उन्होंने (Akhilesh Yadav) कहा कि सरकार को नौकरियां नहीं दे पा रहे हैं और न ही किसी को रोजगार दे पा रहे हैं, मीडिया के सहारे वाली सरकार सिर्फ बयानजारी पर काम कर रही है। 

उन्होंने (Akhilesh Yadav) सरकार (Yogi Government) पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा (BJP) की गलत नीतियों के चलते प्रदेश पिछड़ता ही जा रहा है। यहां का परेशान नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। अब समूह ख व ग (Group B & C) की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है, जिससे सरकारी नौकरियों में भी ठेका प्रथा (Five Year Contract) लागू हो जाएगी। यही नहीं, इससे युवाओं का नौकरी में आते ही शोषण होगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि परीक्षा पास करके आए समूह ख व ग (Group B & C) के कर्मचारियों को पहले पांच वर्ष तक संविदा पर रखा जाएगा। पांच वर्ष की कठिन संविदा प्रक्रिया (Five Year Contract) में छंटनी से जब बच पाएंगे, तभी उनकी नौकरी पक्की मानी जाएगी। इस दौरान सिर्फ उनका शोषण किया जाएगा और मानसिक पीड़ा भी पहुंचाने का काम किया जाएगा। 

उन्होंने (Akhilesh Yadav) भाजपा सरकार (Yogi Government) पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का इरादा है कि भविष्य में सुरक्षित नौकरी किसी को न मिले। उन्होंने कहा कि कर्मचारी को संविदा काल (Five Year Contract) में पहले सहायक पदनाम से नियुक्ति मिलेगी। अब उनको नियुक्ति से पहले दक्षता परीक्षा देनी होगी और उसमें कम से कम 60 फीसद अंक पाने होंगे, अगर यह अंक नहीं आए तो सेवा समाप्त हो जाएगी। इस तरह संविदा काल का कर्मचारी पूरी तरह बंधुआ बनकर रहेगा।

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