आज ही के दिन हुई थी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की स्थापना, ऐसा रहा सफर

आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुए 39 वर्ष हो गए है। आज बीजेपी अपना 39वां स्थापना दिवस मना रही है। देश की राजनीति को नई दिशा देने के मकसद से आज ही के दिन 1980 में गठन किया गया था। पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को चुना गया था। उनके ही नेतृत्व में पहली बार दिसंबर, 1980 में बीजेपी की पहली बैठक हुई थीं। 39 वर्षों के लंबे सफर में बीजेपी ने बहुत उतार-चढ़ाव देखे। राम मंदिर के मुद्दे ने जहां पार्टी को नई जान थी, तो वहीं सरकार को एक मजबूत विपक्ष दिया। 2014 के आम चुनावों में वह समय भी आया जब बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब हुई। अब पांच साल बाद पार्टी फिर से चुनावी समर में है। इस चुनाव में भी पार्टी जीत से पूरा आश्वत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है।
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श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों से प्रेरित है पार्टी
भारतीय जनता पार्टी पंडित दीन दयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों से प्रेरित है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की थी। आपातकाल के दौरान 1977 में जनसंघ का कई दलों में विलय हुआ और जनता पार्टी वजूद में आई। जनता पार्टी ने ही 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस से सत्ता छीन ली, लेकिन ज्यादा दिनों तक सत्ता जनता दल के पास नहीं रह पाई। अगले चुनाव में कांग्रेस ने फिर से वापसी की और जनता दल में फूट पड गई। जनता दल टूटने के बाद ही 1980 में भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी गई। पार्टी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने। पार्टी के संस्थापक सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी रहे। बीजेपी को राष्ट्रव्यापी पार्टी बनाने में मुरली मनोहर जोशी और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत का अहम योगदान है।
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भाजपा का यह रहा है इतिहास
39 सालों में बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। पार्टी के इस समय 11 करोड़ से अधिक सदस्य है। केंद्र में जहां बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार है, वहीं कई राज्यों में भी पार्टी की सरकारें है। पार्टी ने पहली बार 1984 में हुए आम चुनावों में 1984 केवल दो सीटें मिली थी। हालांकि इंदिरा लहर होने के बाद भी पार्टी वोट शेयर में दूसरे नंबर पर थी। 1986 में पहली बार लालकृष्ण आडवाणी अध्यक्ष रहे। इसके उन्होंने पार्टी को आगे बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया।
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पार्टी को विश्व हिंदू परिषद का साथ मिला और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण अभियान की शुरुआत की। इसी आंदोलन ने भाजपा को लोकप्रियता दी और बीजेपी को 1989 में 85 सीटें मिलीं। बीजेपी और कम्युनिस्ट पार्टियों के सहयोग से जनता दल की सरकार बनी और वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। सितंबर, 1990 में अयोध्या मुद्दे को लेकर लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा। इस दौरान पार्टी के अध्यक्ष 1991 से 1993 तक मुरली मनोहर जोशी रहे। पार्टी ने 1991 के लोकसभा चुनावों में 120 सीटें हासिल की। इसके बाद 1996 में पार्टी ने 161 सीटें हासिल की और पहली बार बीजेपी के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयीबने। इस दौरान वह महज 13 दिनों तक ही अध्यक्ष रहे। 1998 में 12वें लोकसभा चुनाव में पार्टी को 182 सीटें मिलीं और वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में बीजेपी की गठबंधन सरकार 13 महीने चली। इसके बाद अगले चुनाव में पार्टी फिर से सत्ता पर काबिज हुई और अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना कार्यकाल पूरा किया। 2004 और 2009 के आम चुनावों में बीजेपी को क्रमश: 138 और 116 सीटें मिलीं। इसके बाद पार्टी ने 2013 सितंबर में पार्टी कैडर और जनभावनाओं को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाया। इस चुनाव में पार्टी को लोगों को का साथ मिला और 2014 के आम चुनाव में पार्टी ने 282 सीटें जीतकर इतिहास रचा। इस समय पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह। पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी यह चुनाव लड़ रही है।
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