टीएमसी के पूर्व सांसद की मौत पर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को घेरा

तृणमूल कांग्रेस के नेता, अभिनेता एवं पूर्व सांसद तापस पॉल की मौत पर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा लगातार उन पर बनाए जा रहे दवाब की वजह से मौत हुई है। बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार लगातार हमारे नेताओं पर सरकारी एजेंसियों के माध्यम से दवाब डलवा रही है, जिसकी वजह से नेता काफी परेशान है।
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पूर्व सांसद रहे तापस पॉल की मंगलवार को मुंबई में दिल का दौरा पड़ने की वजह से मौत हो गई है। रोज वैल चिटफंड घोटाला मामले में आरोपी रहे तापस पॉल को एक साल की जेल भी हो चुकी है। बनर्जी ने आज तामस पॉल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अभी कुछ दिनों पहले ही टीएमसी के एक नेता सुल्तान अहमद की दिल का दौरा पड़ने की वजह से मौत हुई है। वह 2017 में हुए नरादा टैप्स घोटाला मामले में आरोपी बताए जा रहे थे। इस मामले के बाद से वह काफी परेशान भी थे। उन्होंने कहा, ‘तापस पॉल पर केंद्रीय एजेंसियों का गहरा दबाव था और वह केन्द्र की प्रतिशोध की राजनीति के शिकार हुए।’ आज तापस पॉल का पार्थिव शरीर रबिन्द्र सदन में रखा गया है ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। उन्होंने कहा कि टीएमसी के लोगों को जेल हो रही है लेकिन केंद्रीय एजेंसियां यह साबित नहीं कर पार रही हैं कि उन लोगों ने क्या अपराध किया है। यदि कोई व्यक्ति अपराध करता है तो उसे कार्रवाई का सामना करना चाहिए। लेकिन हम अभी भी नहीं जानते हैं कि तापस पाल और सहित अन्य लोगों ने क्या अपराध किया था। उन्हें आखिर किस बात के लिए परेशान किया जा रहा है।
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यहां से दो बार सासंद रहे तापस पॉल
टीएमसी के बड़े नेता माने जाने वाले तापस पॉल कृष्णानगर से दो बार सांसद और अलीपुर से विधायक रह चुके हैं। उनका जन्म हुगली जिले के चंदन नगर में हुआ था उन्होंने हुगली मोहसिन कॉलेज से स्नात किया था। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है। सीबीआई ने उन्हें 2016 में रोज वैली चिटफंड मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में उन्हें करीब 13 महीने तक जेल में रहना पड़ा था। इस मामले के बाद उन्होंने फिल्मों और सक्रिय राजनीति दोनों से दूरी बना ली थी। उन्होंने ‘साहेब’ (1981), ‘परबत प्रिया’ (1984), ‘भालोबाशा भालोबाशा’ (1985), ‘अनुरागर चोयन’ (1986) और ‘अमर बंधन’ (1986) जैसी कई हिट फिल्में दी। यही नहीं सुपरहिट फिल्म ‘साहेब’ (1981) के लिए उन्हें ‘फिल्मफेयर’ पुरस्कार भी मिला था। बॉलीवुड में उनकी इंट्री 1984 में फिल्म ‘अबोध’ से हुई थी। राजनीति में 2000 में इंट्री करते हुए 2001 में अलीपुर से विधायक चुने गए। इसके बाद वह कृष्णानगर सीट से दो बार सांसद भी रहे। 2018 में जेल से छूटने के बाद सक्रिय राजनीति से उन्होंने दूरी बना ली और कभी भी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।
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