टॉलीगंज: बंगाली फिल्मी गढ़ से जानें क्यों हार गया यह बड़ा चेहरा

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में जनता से एक बार फिर टीएमसी को पूर्ण बहुमत दे दिया है। पश्चिम बंगाल का चुनाव बहुत ही रोचक रहा है, यहां पर जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद अपनी सीट नहीं बचा सकीं, तो बीजेपी के स्टॉर और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी अपनी सीट नहीं बचा सकें। टॉलीगंज सीट से चुनाव लड़ रहे बाबुल टीएमसी उम्मीदवार से चुनाव हार गए।
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बता दें, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने साल 2014 में बीजेपी ज्वाइन की थी। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करके वे दिल्ली पहुंचें, केंद्र सरकार में मंत्री भी बनें। साल 2019 में एक बार फिर आसनसोल सीट से जीतकर वे सांसद बने।
बॉलीवुड की दुनिया से लेकर बंगाली फिल्मी इंडस्ट्री में अपनी धमक जमाने वाले प्रसिद्ध गायक को टॉलीगंज की जनता ने पसंद नहीं दिया। वे यहां पर तृणमूल कांग्रेस के अरूप विश्वास ने चुनाव हार गए। जीत का अंतर 50,080 वोट का रहा। अरूप विश्वास को मिले 1,01,440 वोट वहीं बाबुल सुप्रियो को महज 51,360 वोट मिले।
बता दें, टॉलीगंज बंगाली फिल्म इंडस्ट्री का सेंटर है और टॉलीवुड की फिल्मों से जुड़े लोगों का यह गढ़ भी कहा जाता है। बाबुल सुप्रियो के यहां से चुनाव लड़ने की वजह से यह सीट हाई प्रोफाइल सीट बन गई थी, लेकिन यहां पर चुनाव हार गए।
जानें क्या रहा परिणाम
– साल 2016 में टॉलीगंज सीट से टीएमसी के अरूप बिस्वास ने जीत दर्ज की। उन्होंने सीपीएम से चुनाव लड़ने वाली मधु सेन रॉय को 9,896 वोटों के अंतर से हराया था।
- साल 2011 में भी टीएमसी के अरूप बिस्वास ने ही इस सीट पर जीत हासिल की थी। उस चुनाव में उन्होंने सीपीएम के पार्थ प्रतिम बिस्वास को महज 526 वोटों के अंतर से ही हराया था।
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जानें सीट का रिकॉर्ड
बंगाली फिल्म इंडस्ट्री का सेंटर है और टॉलीवुड की फिल्मों से जुड़े लोगों का यह गढ़ कहीं जाने वाली टॉलीगंज विधानसभा सीट पर शुरू से ही टीएमसी का कब्जा रहा है। यह सीट पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में पड़ती है। यहां पर पिछले 20 साल से इस सीट पर टीएमसी का कब्जा रहा है। इस सीट से चौथी बार टीएमसी के अरूप विश्वास विधायक बने हैं। टॉलीगंज विधानसभा सीट पर पहली बार साल 1952 में वोट डाले गए और यहां पर कांग्रेस को जीत मिली थी। इसके बाद लम्बे समय तक यह सीट सीपीएम के कब्जे में रही। इस सीट पर साल 2001 से लगातार टीएमसी का ही कब्जा रहा है।
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