आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर बेहद चौंकाने वाला दावा किया है। भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित तिरुपति मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में तिरुमाला पहाड़ी पर बना है। यह तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थान (टीटीडी) करता है। यह देश भर के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले मंदिरों में से एक है।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, NDA विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवर का वसा मिलाया जाता था। उन्होंने आगे बताया कि अब प्रसाद में शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है साथ ही मंदिर में हर चीज को सैनिटाइज किया गया है, जिससे गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
सीएम चंद्रबाबू नायडू के इस बयान पर जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्बा रेड्डी ने कहा, चंद्रबाबू नायडू ने दिव्य तिरुमाला मंदिर की पवित्रता और करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को नुकसान पहुंचाकर बहुत बड़ा पाप किया है। चंद्रबाबू नायडू द्वारा तिरुमाला के प्रसाद पर की गई टिप्पणी बेहद घटिया है। मनुष्य जाति में जन्मा कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलता और न ही ऐसा आरोप लगाता है। एक बार फिर यह साबित हो गया है कि राजनीति के लिए चंद्रबाबू नायडू कुछ भी गलत करने से नहीं हिचकिचाते।
TDP ने दिखाई लैब रिपोर्ट
टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकटा रमन रेड्डी ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह कथित लैब रिपोर्ट पेश की। इसमें दिए गए घी के नमूने में बीफ टैलो (पशुओं की चर्बी) की मौजूदगी की पुष्टि की गई है। कथित रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन नमूनों में ‘लार्ड’ (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की भी मौजूदगी है। उन्होंने यह भी बताया कि आम तौर पर प्रीमियम गुणवत्ता का घी 1000 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक दाम में मिलता है लेकिन वीईएसआरसीपी के काल में टीटीडी ने इसका ठेका केवल 320 रुपये प्रति किलोग्राम पर दिया था। इसका सीधा मतलब है कि इतनी कम कीमत में केवल घटिया या भ्रष्टाचार के माध्यम के से ही ठेका पूरा किया गया होगा। 15000 किलोग्राम घी का ठेका रिश्वतखोरी से जुड़ा था, जिससे सरकारी ठेकों में पारदर्शिता और जवाबदेही पर चिंता भी बढ़ गई है।
इसी साल जून में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारी और चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए की सरकार बनाई। 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब भेजे और 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट आई। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ (CALF) ने बताया कि जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से तैयार घी में प्रसादम के लड्डू बनाए जा रहे हैं। CALF (पशुधन और फूड में एनालिसिस और लर्निंग सेंटर) गुजरात के आनंद में स्थित NDDB (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) में विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला है।
उच्च समिति का गठन या सीबीआई जांच
वाईएसआरसीपी अध्यक्ष की बहन वाईएस शर्मिला ने कहा कि तुरंत एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करें या सीबाआई से जांच कराएं। लड्डू प्रसादम तिरुपति के नामी श्री वेंकटेश्वर मंदिर में चढ़ाया जाता है और यह तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा संचालित है। जबकि, सीएएलएफ गुजरात के आनंद स्थित राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड में एक बहु-विषयक विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला है।
सवालों के घेरे में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी
टीडीपी नेता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने दावा किया है कि 2019 से 2024 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में जगन मोहन रेड्डी ने अपने चाचाओं को टीटीडी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया। वाईवी सुब्बा रेड्डी और करुणाकर रेड्डी, दोनों जगन मोहन के करीबी परिवार के सदस्य हैं। रेड्डी ने चाचाओं को बिठाकार धन लूटना शुरु कर दिया।
विश्व हिंदू परिषद की घोर नाराजगी
विश्व हिंदू परिषद ने गुरुवार को इसे गंभीर मामला बताते हुए इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की मांग की है। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि आंध्र प्रदेश की पिछली वाईएसआर सरकार के हिंदू विरोधी कृत्यों के बारे में हर कोई जानता है। यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और इसे किसी और ने नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने उठाया है। उन लोगों के ऊपर तुरंत कड़ी कार्यवाई करते हुए सजा दें जिन्होंने तिरुपति के लड्डू प्रसादम में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया।