लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों की तस्वीर करीब-करीब साफ हो चुकी है। बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए बहुमत का आंकड़ा पार कर चुका है तो वहीं INDIA गठबंधन ने सारे एग्जिट पोल्स को झुठलाते हुए 229 सीटें हासिल की हैं। बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान यूपी और बंगाल में हो रहा है। बंगाल में टीएमसी तो यूपी में ‘दो लड़कों’ की जोड़ी ने कमाल कर दिया है। कल तक जो विपक्ष ईवीएम और डीएम को लेकर बीजेपी को घेर रहा था। अब वह सरकार बनाने के फॉर्मूले पर काम कर रहा है।
ईवीएम पर लग चुके हैं आरोप
पिछले कई चुनावों में विपक्षी पार्टियों ने जमकर ईवीएम में धांधली होने का आरोप लगाया है। हाल ही में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अमित शाह ने 150 जिलों के जिलाधिकारियों और रिटर्निंग अफसरों को फोन किया है। वह उनको फोन करके धमकाने के अलावा दबाव बना रहे हैं। कांग्रेस नेता के इस बयान पर चुनाव आयोग ने भी हैरानी जताई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को कहा था, ऐसा कैसे हो सकता है, क्या कोई एक शख्स इतने लोगों को प्रभावित कर सकता है। हमें नाम बताइए, हम उसे सजा देंगे। वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ईवीएम पर जमकर आरोप लगाए थे।
क्या पाक साफ हो गई ईवीएम!
हालांकि काउंटिंग शुरू होने के बाद जब रुझान इंडिया गठबंधन के हक में आने लगे तो किसी नेता ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात नहीं कही। ऐसा लग रहा है कि लोकतंत्र की लाज बच गई थी। दिग्विजय सिंह ने काउंटिंग से एक दिन पहले कहा था कि अगर बीजेपी 300 सीटें जीतती है तो यह लोगों का नहीं बल्कि ईवीएम का वोट होगा। अगर लोगों ने वोट दिया होगा तो उसे बहुमत नहीं मिलेगा।
इंडिया गठबंधन ने इस चुनाव में एनडीए को जबरदस्त टक्कर दी है। एनडीए फिलहाल 295 सीटें जीत चुका है। जिसमें बीजेपी अपने दम पर 240 जीटें जीत रही है। जबकि कांग्रेस ने 100 सीटें जीती हैं। कांग्रेस नेताओं ने जमकर बीजेपी पर हमला बोला।
कांग्रेस ने बीजेपी को जमकर घेरा
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि देश की जनता ने भाजपा को नकार दिया है और पूर्ण बहुमत से इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। रागिनी नायक ने कहा कि ऊंट अब पहाड़ के नीचे आया है। तानाशाही, अहंकार, सांप्रदायिकता और धार्मिक उन्माद से प्रेरित पीएम मोदी की राजनीति 10 साल से चल रही थी। उसी के खिलाफ ये मैनडेट है। ये बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है। पूरे चुनाव में पीएम मोदी ने मंदिर-मस्जिद, मुल्ला, माफिया, मंगलसूत्र मुजरा जैसे चीजों पर ध्यान केंद्रित करने का काम किया।
वहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी ने चार हजार किलोमीटर तक पैदल यात्रा की, सामाजिक न्याय को मुद्दा बनाया. इसी के चलते जनता ने उन्हें स्वीकारा जिसके चलते इतना बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। यूपी की अगर हम बात करें तो भाजपा के कई नेता पीछे चल रहे हैं, चुनाव हार रहे हैं।