अपराध पर पूर्ण नियंत्रण के लिए कठोर कानून लाना जरूरी: योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में यूपीकोका विधेयक को दोबारा पेश किया। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए उनकी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम निकले हैं, लेकिन अपराध पर पूर्ण नियंत्रण के लिए कठोर कानून की आवश्कयता है।
इस विधेयक को विधानमण्डल के निचले सदन में पिछली 21 दिसम्बर को पारित किया जा चुका था। लेकिन विपक्ष की आपत्तियों के बाद इसे सदन की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था। वहां से लौटाने के बाद गत 13 मार्च को सरकार द्वारा इस पर विचार का प्रस्ताव विपक्ष की एकजुटता के कारण गिर गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, यूपीकोका 2017 पेश करते हुए कहा,‘‘संगठित अपराध एक जिले या एक राज्य का नहीं बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषय बन गया है। (अपराध नियंत्रण के लिए) जो प्रयास हमारी सरकार ने किए, उसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आए हैं। उन सबके बावजूद महसूस किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में अपराध पर पूर्ण नियंत्रण के लिए कठोर कानून की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अपराध की प्रकृति और दायरा बढ़ने के साथ-साथ प्रदेश में संगठित अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एक कानून की आवश्यकता बहुत दिन से महसूस की जा रही है। सरकार प्रदेश की जनता की सुरक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करे, उसी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हम यह विधेयक लाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है। विभिन्न प्रदेशों से हमारी सीमाएं मिलती हैं। नेपाल से हमारी सीमा मिलती हैं। ये सभी सीमाएं खुली हैं आज ऐसे कानून की आवश्यकता है जो संगठित अपराध में लिप्त तत्वों पर कठोर हो सके और आम जनमानस को बिना भेदभाव सुरक्षा की गारंटी दे सके।
उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से प्रदेश में पिछले एक वर्ष में एक माहौल देने का कार्य हुआ है। योगी ने कहा कि यूपीकोका का दुरूपयोग कोई नहीं कर सकता। नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी (सपा) ने कहा कि हर सरकार चाहती है कि उसके राज में कानून व्यवस्था ठीक हो। जनता भी यही चाहती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के भाषण से प्रतीत हुआ कि अपराध घटे हैं। जब कानून व्यवस्था बेहतर हो गई है तो इस कानून को लाने की जरूरत क्या है। यह लोकतंत्र एवं संविधान विरोधी कानून है।
क्या है यूपीकोका विधेयक
महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) की तर्ज पर यूपी कोका कानून लाया गया है जिससे प्रदेश में हो रहे अपराध पर रोक लगाई जा सके। यूपी कोका के तहत गिरफ्तार अपराधी को 6 महीने तक जमानत नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं यूपी कोका के तहत कम से कम 5 साल का प्रावधान है।
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