जन्मदिन पर पढ़िए सुषमा स्वराज के यादगार भाषण, विदेश में लूटी थी वाहवाही
सुषमा स्वराज को कौन नहीं जानता। एक शानदार विदेश मंत्री के अलावा वह एक बेहतरीन वक्ता भी हैं। उनकी कई स्पीचेज तो इतनी शानदार हैं कि उसे सुनने वाला हर इंसान उनकी तारीफ किए बगैर नहीं रह पाता। चाहे संयुक्त राष्ट्र में उनका साहसिक भाषण रहा हो या पाकिस्तान को लताड़। हर कहीं उनके भाषण की चर्चा होती है। आइए सुषमा स्वराज के जन्मदिन पर पढ़ते हैं।
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संयुक्त राष्ट्र में दी यादगार स्पीच
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 29 सितंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने भाषण से पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा था। सुषमा ने अपने भाषण की शुरुआत बेहद ही शानदार तरीके से की थी। उन्होंने इस तरह अपने भाषण की शुरुआत की।
वसुधैव कुटुंबकम् की बुनियाद है परिवार
और
परिवार प्यार से चलता है , व्यापार से नहीं
परिवार मोह से चलता है, लोभ से नहीं
परिवार संवेदना से चलता है, ईर्ष्या से नहीं
परिवार सुलह से चलता है, कलह से नहीं
इसीलिए हमें UN को परिवार के सिद्धांत पर चलाना होगा।
अमेरिका की खुफिया तंत्र की सफलता थी कि उन्होंने ओसामा को ढूंढ निकाला और मार गिराया। पाकिस्तान की हिमाकत देखिए कि सारा सच सामने आने के बाद भी उनके माथे पर शिकन नहीं है। 26/11 का मास्टरमाइंड रैलियां करवाता है, सरेआम घूमता है। दुनिया ने पाकिस्तान का चेहरा पहचान लिया है।
हम पर बातचीत को रोकने का आरोप लगता है. यह सफेद झूठ है, हम मानते हैं कि सबसे मुश्किल मामलों को सुलझाने में भी बातचीत की अहम भूमिका होती है. पाकिस्तान के साथ कई मौकों पर बातचीत शुरू हुई है, यदि वो रूकी हैं तो यह केवल उनके व्यवहार के कारण।
एक आतंकी से बढ़कर मानवाधिकारों का सबसे बड़ा दमनकारी कौन है, जो लोग किसी भी तरीके से निर्दोष लोगों की जान ले लेते हें वे अमानवीय व्यवहार का पक्ष लेते हैं मानवाधिकारों का नहीं, पाकिस्तान हत्यारों को महिमामंडित करता है, उसे मासूमों का खून नहीं दिखता।
पाकिस्तान डबल गेम खेलता है, एक तरफ भारत को बातचीत का प्रस्ताव देता है तो दूसरी ओर बीएसएफ के तीन जवानों की हत्या कर देता है, छल करना पाकिस्तान की आदत है। वहां पर (पाकिस्तान में) सर्दइ जैसे आतंकी खुलेआम घूम रहे हैं, वे भारत के खिलाफ बयान देते हैं लेकिन वहां की सरकार कुछ नहीं करती।
संस्कृत के एक श्लोक के साथ मैं अपनी बात समाप्त करूंगी।
सर्वेशां स्वस्तिर भवतु
सर्वेशां शांति भवतु
सर्वेशां पूर्णम भवतु
सर्वेशां मंगलं भवतु
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2015 में पाकिस्तान की उधेड़ी थी बखिया
वर्ष 2015 में सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री की हैसियत से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की 70वीं महासभा के अधिवेशन को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को पूरे विश्व के सामने जमकर लताड़ा था। उन्होंने कहा कि खुलेआम पाकिस्तान को आतंकवाद की फैक्ट्री कहकर संबोधित किया था। उनके भाषण के प्रमुख अंश नीचे हैं।
पाकिस्तान जो खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताता है दरअसल झूठ बोल रहा है। जब तक सीमापार से आतंक की खेती बंद नहीं होगी भारत पाकिस्तान के बीच बातचीत नहीं हो सकती। पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री बन गया है, भारत ने उसके 2-2 आतंकवादी जिंदा पकड़े हैं।
भारत हर विवाद का हल वार्ता के जरिए चाहता है किंतु वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। कल इसी मंच से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान और भारत के बीच शांति पहल का एक चार सूत्रीय प्रस्ताव रखा था, मैं उसका उत्तर देते हुए कहना चाहूंगी कि हमें चार सूत्रों की जरूरत नहीं है, केवल एक सूत्र काफी है, आतंकवाद को छोड़िए और बैठकर बात कीजिए।
अमल करने की बात तो दूर, सीमा पार से हाल ही में नए हमले हुए हैं। भारतीय सुरक्षा बलों ने सीमा पार के दो आतंकवादी जिंदा भी पकड़े हैं। ये हमले भारत में अस्थिरता फैलाने और भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान द्वारा किए गए अवैध कब्जे को वैध बनाने और शेष भाग पर उसके दावे को पुष्ट करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।
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