संसदीय क्षेत्र में भी भगवान की शरण में दिखे राहुल

चुरुवा मंदिर में पूजन कर उन्होंने बजरंगबली का आशीर्वाद भी लिया, तिलक लगावाया और राहुल ने हाथ में कलावा बंधवाकर ब्राह्मणों को दान भी दिया। यहीं नहीं वह सलोन के जनसभा स्थल पर जाने से पहले मकरसंक्रांति की पूजा मंे भी भाग लिया। इससे माना जा रहा है कि, वे भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे में सेंध लगाकर कांग्रेस की छवि बदलने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे तो सांसद बनने के बाद राहुल कई बार अपने गढ़ में आए। मंदिर में दर्शन भी किए, मगर सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष में जो भक्ति भाव दिखा वो शायद उनके अपनों ने पहली बार देखा था।
मकरसंक्रांति की पूजा में लिया था भाग
राहुल की शुरुआत सोमवार को बंजबरबंली के दर्शन से हुई, लेकिन जनसभा स्थल पर जाने पहले वह मकरसंक्रांति की पूजा में भी भाग लिया। सलोन कस्बे में बस स्टाॅप के पास उन्होंने भाग लिया। यहां राहुल ने मंत्रोच्चार के साथ हवन.पूजन किया। हाथ में कलावा भी बंधवाया। राहुल ने पांच ब्राह्मण रविशंकर पांडेय, कृष्णकुमार तिवार, कुलदीप पांडेय, वीरेंद्र शुक्ला व रामसजीवन को खिचड़ी दान देने के साथ ही जनेऊ व पंचांग भेंट किया। यहां कुछ देर रुकने के बाद राहुल आगे बढ़ गए। उन्होंने पूजा कार्यक्रम में लंबा टिका भी लगवाया था। सभा में मंच पर चढे़ हिन्दू नेताओं के माथे पर टीका लगा दिख रहा था, मगर इस बार टीका कुछ लंबा था। उनकी सभा में इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरी तरह से वह भक्तिमय नजर आ रहे हैं।
दुर्गा पंडाल से की पहली सभा की शुरुआत
बजरंगबली के दर्शन करने के बाद रायबरेली से सलोन तक जाते समय रास्ते भर में उनका स्वागत फूल-मालाओं के साथ किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली सभा भी उन्होंने दुर्गा पंडाल स्थल से ही शुरू की। राहुल गांधी की जहां पर सभा थी वहां पर नवरात्र में दुर्गा मां का पंडाल लगता है। स्थानीय पत्रकार रामजी राॅय बताते हैं कि राहुल गांधी की पहली सभा दुर्गा पंडाल से शुरू हुई है। इसके पीछे का मतलब साफ है कि अब पूरी तरह से वह हिन्दुत्व को अपना रहे हैं। मां दुर्गा के पंडाल वाले स्थान से सभा की शुरुआत करने के बाद ही वह सोमवार नगरपालिका की बैठक में गए थे। उन्होंने बताया कि यह अलग बात है कि भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच में सभा स्थल से कुछ दूरी पर ही प्रचण्ड रूप देखने को मिला था।
यूपी में राहुल को क्यों भा रहे हैं बजरंगबली
ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी पहले मंदिरों में नहीं जाते थे, लेकिन गुजरात में सोम मंदिर जाने के बाद वह पूरी तरह से हिट हो गए कि उन्होंने एक सियायसी चाल चली है। हालांकि वह पूरी तरह से फेल नजर आई। बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के लिए राहुल गांधी ने 2016 में किसान यात्रा की। ये यात्रा देवरिया से शुरू हुई कई जिलों से होते हुए दिल्ली में समाप्त हो गई। उस समय राहुल गांधी ने अयोध्या में प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना की। 26 साल बाद गांधी परिवार का कोई सदस्य अयोध्या पहुंचने से तरह-तरह के कयास लगने लगे थे। वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद गांधी परिवार के किसी सदस्य का अयोध्या का यह पहला दौरा रहा। 26 साल पहले राहुल के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अयोध्या की यात्रा के दौरान हनुमानगढ़ी मंदिर जाने की योजना बनाई थी, लेकिन समय के अभाव के चलते वे नहीं जा सके थे, लेकिन वह मंदिरों में गए।
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